Gyanvapi Masjid Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI को 10 दिनों में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश

Edited By Mamta Yadav,Updated: 18 Oct, 2022 07:20 PM

allahabad high court directs asi to file counter affidavit in 10 days

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर के तौर पर 10 दिनों का समय मंगलवार को दिया। जवाबी हलफनामा दाखिल करने की यह अनुमति विधि सेवा समिति...

प्रयागराज: काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर के तौर पर 10 दिनों का समय मंगलवार को दिया। जवाबी हलफनामा दाखिल करने की यह अनुमति विधि सेवा समिति के पास 10,000 रुपये का भुगतान करने की शर्त के साथ दी गई। यह राशि सुनवाई की अगली तारीख 31 अक्टूबर, 2022 को या इससे पहले जमा की जानी आवश्यक है।

जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए ASI ने मांगा समय
न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने वाराणसी के अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए और मोहलत दिए जाने के एएसआई के अनुरोध पर अदालत ने कहा, “इस मामले पर फिर से सुनवाई की गई। इस बीच, वरिष्ठ अधिवक्ता शशि प्रकाश सिंह और एएसआई की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने कम से कम छह सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया।”

मस्जिद का सर्वेक्षण मामले में 31 अक्टूबर तक रोक
अदालत ने कहा, “चूंकि यह दीवानी वाद वाराणसी की दीवानी अदालत में 1991 से लंबित है, न्याय हित में अंतिम अवसर के तौर पर 10 दिनों का समय जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए इस शर्त के साथ दिया जाता है कि विधि सेवा समिति के पास 10,000 रुपये जमा किया जाएगा।” इससे पूर्व, 28 सितंबर को उच्च न्यायालय ने वाराणसी की अदालत के उस आदेश पर 31 अक्टूबर तक के लिए रोक लगा दी थी जिसमें एएसआई को काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था।

उक्त मस्जिद, मंदिर का हिस्सा: याचिकाकर्ताओं का दावा
याचिकाकर्ता अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद जोकि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति है, ने वाराणसी की जिला अदालत में 1991 में दायर मूल वाद की पोषणीयता को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की थी। मूल वाद में उस स्थान पर जहां वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद मौजूद है, प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर को बहाल करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने इस वाद में दावा किया है कि उक्त मस्जिद, मंदिर का हिस्सा है।

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