Edited By Ramkesh,Updated: 01 Apr, 2023 01:02 PM

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव निकाय चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए संगठन और पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। वहीं बसपा के वोट बैंक को समाजवादी पार्टी के पक्ष में करने की कोशिश में लगे हुए है। दरअसल, दलिलों को अपने पाले में...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव निकाय चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए संगठन और पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। वहीं बसपा के वोट बैंक को समाजवादी पार्टी के पक्ष में करने की कोशिश में लगे हुए है। दरअसल, दलिलों को अपने पाले में करने के लिए 3 अप्रैल को रायबरेली में कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

बता दें कि राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम और नगर पालिका अधिनियम में संशोधन के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी, जिसे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दे दी है। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने‘‘आरक्षित सीटों के लिए अंतिम अधिसूचना जारी कर दी गई है। सात दिनों के भीतर आरक्षित सीटों की सूची पर आपत्तियां मांगी गई हैं।'' त्रिस्तरीय स्थानीय निकाय चुनावों के लिए 17 नगर निगमों के महापौरों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के अध्यक्षों के लिए आरक्षित सीटों की अंतरिम सूची जारी करते हुए, सरकार ने मसौदे पर सात दिनों के भीतर छह अप्रैल तक शाम छह बजे तक आपत्ति मांगी है।
आठ महापौर सीटें अनारक्षित
अंतिम अधिसूचना के अनुसार, आगरा के महापौर सीट अनुसूचित जाति (महिला), झांसी की सीट अनुसूचित जाति(एससी), शाहजहांपुर और फिरोजाबाद की सीट ओबीसी (महिला), सहारनपुर और मेरठ की सीट ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है। शर्मा ने बताया कि वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन की आठ महापौर सीटें अनारक्षित होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य में 762 नगर निकाय है जिनमें कुछ में कानूनी अड्चने हैं इसलिए उनको अलग रखते हुए हमने यह व्यवस्था की र्है इस प्रकार 17 नगर निगम की 199 नगर पालिका परिषद की और 544 नगर पंचायतों की आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी कर दी गयी है उन्होंने कहा कि आरक्षण के लिए पिछड़ेपन के मानदंड की पहचान करने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में आरक्षण में कई बदलावों का सुझाव दिया था।