महीनों बाद स्कूल पहुंचे बच्चों से अध्यापक ने कराई मजदूरी, DM ने दिये जांच के आदेश

Edited By Ramkesh,Updated: 02 Dec, 2020 01:15 PM

after months the teacher paid wages to the children who reached the school

कोरोना के चलते महीनों से स्कूल बंद पड़े हैं और बच्चों का घरों पर पड़े-पड़े दम घुट सा गया है। ऐसे में बच्चे स्कूल जाने का बहाना ढूंढ रहे हैं। इसी बीच रामपुर के एक सरकारी स्कूल में ड्रेस बांटे जाने की खबर सुनकर बच्चे स्कूल पहुंचे।

रामपुर: कोरोना के चलते महीनों से स्कूल बंद पड़े हैं और बच्चों का घरों पर पड़े-पड़े दम घुट सा गया है। ऐसे में बच्चे स्कूल जाने का बहाना ढूंढ रहे हैं। इसी बीच रामपुर के एक सरकारी स्कूल में ड्रेस बांटे जाने की खबर सुनकर बच्चे स्कूल पहुंचे। इस पर  टीचर ने ड्रेस लेने आए बच्चों से भारी भरकम प्लाईबोर्ड उनके सरो पर ढुलवाकर स्कूल मंगवाए। जिससे लोग हैरान रह गये। वहीं जब मामले में पंजाब केसरी टीबी के रिपोर्ट रवि शंकर ने अध्यापक से बात की तो वो इस बात से इनकार करते रहे। वहीं जब मामला मीडिया में में आया तो जिले के अलाधिकारी हरकत में आए और जांच के आदेश दे दिए।  
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बता दें कि मामला रामपुर की तहसील स्वार के चाऊपुरा  गांव के सरकारी स्कूल में ड्रेस बांटे जा रहे थे। ड्रेस बांटे जाने की सूचना पर बच्चे स्कूल पहुंचे उन्हें क्या पता था कि महीनों बाद पहुंचेंगे स्कूली बच्चों के साथ मजदूरी कराई जाएगी। उनके कमजोर सरो पर भारी-भरकम प्लाई बोर्ड ढोना पड़ेगा। वहीं जब मामले में उपजिलाधिकारी जब जांच के लिए विद्यालय पहुंचे तो गुरूजी ने अपनी गलती स्वीकार ली है।
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फिलहाल उप जिलाधिकारी ने अपनी पूरी जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित कर दी है। अब आगे की कार्रवाई जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को करना है। इस तरह का अपराध एक टीचर द्वारा मासूम बच्चों से कराने पर बाल श्रम अधिनियम के तहत दी बड़ा अपराध माना जाता है। इसमें कठोर से कठोर सजा का भी प्रावधान है। बरहाल स्कूल टीचर को इस हरकत की क्या सजा मिलती है अब देखने वाली बात है।

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