Edited By Ramkesh,Updated: 29 Mar, 2024 02:30 PM
![a team of five doctors did the post mortem of mukhtar ansari](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_3image_14_44_572055894untitled-3165-ll.jpg)
बांदा जेल में बंद गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम पांच डॉक्टरों की निगरानी में कराया गया है। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया वीडियोग्राफी भी कराई गई है। सुरक्षा कमियों उसके भतीजे उमर अंसारी के सहयोग से शव को एम्बुलेंस में रखवा दिया...
लखनऊ: बांदा जेल में बंद गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मौत के बाद शव का पोस्टमार्टम पांच डॉक्टरों की निगरानी में कराया गया है। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया वीडियोग्राफी भी कराई गई है। सुरक्षा कमियों उसके भतीजे उमर अंसारी के सहयोग से शव को एम्बुलेंस में रखवा दिया है। कुछ ही देर में परिवार और पुलिस-प्रशासन के अफसरों की गाड़ियां के साथ उसके शव को काफिले के साथ गाजीपुर के लिए रवाना किया जागएा। काफिले में एम्बुलेंस के साथ 26 गाड़ियां शामिल होगी।
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आप को बता दें कि प्रदेश के जिलों में आतंक का पर्याय बने गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी की बृहस्पतिवार को बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। अंसारी की मृत्यु के साथ ही अपराध के एक युग और राजनीति के साथ उसके गठजोड़ के एक अध्याय का अंत हो गया।
यह इस तथ्य से परिलक्षित होता है कि अंसारी के खिलाफ हत्या से लेकर जबरन वसूली तक के 65 मामले दर्ज थे, फिर भी वह विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकट पर पांच बार विधायक चुना गया। साल 1963 में एक प्रभावशाली परिवार में जन्मे अंसारी ने राज्य में पनप रहे सरकारी ठेका माफियाओं में खुद को और अपने गिरोह को स्थापित करने के लिए अपराध की दुनिया में प्रवेश किया। साल 1978 की शुरुआत में महज 15 साल की उम्र में अंसारी ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। अंसारी खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत गाजीपुर के सैदपुर थाने में पहला मामला दर्ज किया गया था।