Edited By Ajay kumar,Updated: 05 Feb, 2020 06:06 PM

लोकसभा चुनाव के बाद से बसपा में अंतरकलह की वजह से टूट जारी है। बसपा के कई कद्दावर नेताओं ने पिछले कुछ समय से पार्टी को अलविदा कह दिया है। इसी बीच बसपा में सबसे बड़ी सेंधमारी समाजवादी पार्टी...
मऊ: लोकसभा चुनाव के बाद से बसपा में अंतरकलह की वजह से टूट जारी है। बसपा के कई कद्दावर नेताओं ने पिछले कुछ समय से पार्टी को अलविदा कह दिया है। इसी बीच बसपा में सबसे बड़ी सेंधमारी समाजवादी पार्टी की है। बसपा के दर्जनों बड़े नेता सपा में शामिल हो चुके हैं। इसी कड़ी मे एक और नाम उमेश चन्द्र पाण्डेय का जुड़ गया है। जो मऊ के मधुबन विधानसभा से पिछले कई बार से बसपा विधायक रह चुके हैं। इनका राजनितिक करियर भी बसपा से ही शुरू हुआ था।

बता दें कि उमेश चन्द्र पाण्डेय ने पिछले दिनों लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की उपस्तिथि में सपा में शामिल हुए थे। पार्टी में शामिल होने के बाद पहली बार मऊ के सपा कार्यालय पर प्रेस वार्ता किया। जिसमें उन्होंने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती अपने सिद्धांतों से भटक गई और वो सिर्फ चापलूसों के साथ राजनीति कर रही हैं। हम लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार थे लेकिन मायावती ने बाहरी व्यक्ति को टिकट दे दिया था। मायावती के सिद्धांतों से भटक जाने के बाद हमने बसपा पार्टी छोड़कर सपा में शामिल हो गए।

पाण्डेय ने कहा कि अखिलेश यादव के पीछे पूरा युवा वर्ग है जो चाहता है की 2022 में अखिलेश यादव को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जाए। हालांकि प्रेस वार्ता के दौरान जब पत्रकारों ने मायावती पर पैसे लेकर टिकट देने का सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में हम कोई कमेन्ट नहीं करेंगे। जबकि उमेश चन्द्र पाण्डेय बसपा पार्टी में 19 सालो से जुड़े हुए थे।