Edited By Ajay kumar,Updated: 12 Sep, 2019 03:14 PM
‘तारीख पर तारीख मिली लेकिन इंसाफ नहीं मिला योर ऑनर’ दामिनी फिल्म का ये डॉयलाग यूपी के 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों पर एकदम सटीक बैठता है।
लखनऊ: ‘तारीख पर तारीख मिली लेकिन इंसाफ नहीं मिला योर ऑनर’ दामिनी फिल्म का ये डॉयलाग यूपी के 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों पर एकदम सटीक बैठता है। 2 बार धरना प्रर्दशन के बाद भी अभ्यर्थियों के हाथ सिर्फ निराशा लगी है। बता दें कि आज लखनऊ की डबल बेंच में 69000 शिक्षक भर्ती मामले की सुनवाई थी। जिसमें अभ्यर्थियों का पक्ष रखने के लिए सरकार की तरफ से एजी साहब कोर्ट पहुंचे थेे। कोर्ट में मामले की मात्र कुछ ही देर सुनवाई हुई उसके तुरंत बाद जज साहब ने अगली तारीख दे दी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी। कोर्ट के इस फैसले ने एक बार फिर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को मायूस कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
सरकार ने 1 दिसम्बर 2018 को प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रकिया प्रारम्भ की थी। इसके लिए 6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा हुई। बाद में 7 जनवरी को सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए 65 व ओबीसी के लिए 60 प्रतिशत क्वालिफाइंग माक्र्स तय कर दिए थे। सरकार के इसी निर्णय को याचियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। तबसे ये मामला उच्च न्यायालय में लंबित चल रहा है, जिसमें राज्य सरकार के महाधिवक्ता (एजी) को सरकार का पक्ष रखने लिए आबद्ध किया गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि विगत कई तारीखों पर बार बार महाधिवक्ता की अनुपस्थिति के कारण तारीख आगे खिंचती जा रही है। इस वजह से हम सभी अभ्यर्थी परीक्षा को पास करने के बावजूद विगत आठ माह से मानसिक रूप से लगातार प्रताडि़त हो रहे हैं। योग्यता रखने के बावजूद हम सभी को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है।