Edited By Purnima Singh,Updated: 01 Jan, 2025 06:46 PM
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में लंबे समय के बाद दौलताबाग क्षेत्र में एक मंदिर को स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों द्वारा फिर से खोला गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। अधिकारियों ने बताया कि 44 वर्षों बाद इस मंदिर को सोमवार को दोबारा खोला गया।
मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में लंबे समय के बाद दौलताबाग क्षेत्र में एक मंदिर को स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों द्वारा फिर से खोला गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। अधिकारियों ने बताया कि 44 वर्षों बाद इस मंदिर को सोमवार को दोबारा खोला गया। यह मंदिर ऐसे समय में फिर से खोला गया है जब उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कई बंद पड़े मंदिरों को फिर खोला जा रहा है।
प्रशासन के आदेश पर खोला गया मंदिर
इस मामले पर नागफनी थाना के निरीक्षक सुनील कुमार ने कहा, “प्रशासन के आदेश पर पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों की एक टीम ने इस मंदिर को खोलने का काम शुरू किया। इसको लेकर किसी का कोई विरोध या अशांति नहीं रही और स्थानीय लोग इस प्रयास में सहयोग कर रहे हैं।"
पुनर्स्थापना का हो रहा काम
सुनील कुमार ने आगे कहा कि मंदिर को दोबारा खोले जाने से पता चला कि प्रतिमाएं वहां मौजूद नहीं थीं। उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारी अब पुनर्स्थापना का काम देख रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि मंदिर की मरम्मत कर उसे फिर से नियमित पूजा के लिए तैयार किया जाए। यह प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ी और किसी भी समूह से कोई आपत्ति या बाधा पैदा करने की कोई रिपोर्ट नहीं है। 1980 के बाद से ही यह बंद था।
खंडित अवस्था में मिलीं मूर्तियां
बता दें कि जब नगर निगम की टीम ने गर्भगृह की खुदाई की तो भगवान शिव-गौरी, दुर्गा, शिवलिंग, मां काली की मूर्तियां खंडित अवस्था में मिली। साल 1980 में इस मंदिर के आसपास काफी तादाद में हिंदू आबादी बसती थी, लेकिन हिंदू-मुस्लिम दंगे के बाद हिंदू परिवार यहां से पलायन कर गया। उस वक्त से ही यह मंदिर बंद था। धीरे-धीरे खंडहर हो गया।