Edited By Ramkesh,Updated: 19 Jul, 2025 03:29 PM

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की एक अदालत ने पिता-पुत्र की हत्या के चार वर्ष पुराने मुकदमे में छह लोगों को दोषी करार देते हुए शुक्रवार को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 42,500 रुपये का जुर्माना लगाया। एक अधिकारी ने शनिवार को यह...
प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की एक अदालत ने पिता-पुत्र की हत्या के चार वर्ष पुराने मुकदमे में छह लोगों को दोषी करार देते हुए शुक्रवार को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 42,500 रुपये का जुर्माना लगाया। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राकेश प्रताप सिंह ने बताया कि हथिगवां थानाक्षेत्र के बलीपुर निवासी मिथलेश ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि दो नवंबर, 2020 की शाम शीतला सिंह अपने बेटे विपिन सिंह के साथ ट्रैक्टर से धान लाद कर घर आ रहे थे और एक बिजली का तार उनके ट्रैक्टर में फंस गया।
हिंसक झड़प में पिता को आरोपियों ने मारी थी गोली
उन्होंने बताया कि तार हटाने को लेकर शीतला सिंह का राजेंद्र बहादुर सिंह नाम के व्यक्ति से विवाद हो गया। अधिकारी ने बताया कि विवाद जल्द ही हिंसक झड़प में तब्दील हो गया और इस बीच शीतला सिंह ने राजेंद्र बहादुर सिंह और उसके बेटे अभय को गोली मार दी। अधिवक्ता ने बताया कि वहीं शीतला सिंह के दो बेटों, पत्नी और बहू ने राजेंद्र और उसके बेटे पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
अदालत ने 6 को सुनाई सजा
उन्होंने बताया कि इस घटना में राजेंद्र बहादुर सिंह और उसके बेटे अभय सिंह की मौत हो गई। अपर सत्र न्यायाधीश बाबूराम ने शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद साक्ष्य के आधार पर शीतला सिंह, बेटे विपिन सिंह व रणजीत सिंह, पत्नी चंदा सिंह, बहू प्रीति सिंह और प्रकाश सरोज को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 42,500 रुपये का जुर्माना लगाया।