Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 24 Oct, 2019 12:59 PM
त्रेता युग में श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास और लंका विजय के बाद जब पुष्पक विमान से अयोध्या आये थे, तो अयोध्या अपने भाग्य पर इठला रही थी। अयोध्यावासी खुशियों से ओतप्रोत होकर नाच रहे रहे थे, झूम रहे थे। दीपो से पूरी अयोध्या...
फैजाबादः त्रेता युग में श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास और लंका विजय के बाद जब पुष्पक विमान से अयोध्या आये थे, तो अयोध्या अपने भाग्य पर इठला रही थी। अयोध्यावासी खुशियों से ओतप्रोत होकर नाच रहे रहे थे, झूम रहे थे। दीपो से पूरी अयोध्या को सजा रहे थे, दीपावली मना रहे थे। इसकी साक्षी उस समय पूरी अयोध्या थी, लेकिन हमने और आपने इसे या तो पढ़ा है, सुना है या रामलीला और फिल्मो के माध्यम से देखा है।
अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छोटी दीपावली यानि 26 अक्टूबर को एक बार फिर त्रेता युग के उसी बैभव को अलग-अलग तरह से दोहराने जा रहे है। जिसके साक्षी हम-आप और देश विदेश के तमाम लोग बनने जा रहे है। जिनके मन में अब तक केवल त्रेता युग के उस समय को लेकर महज परिकल्पना थी, लेकिन अब उसे देखने की अभिलाषा है और जैसे-जैसे समय करीब आ रहा है। ये अभिलाषा व्याकुलता में तब्दील होती जा रही है। हमने भी योगी के अयोध्या में महाआयोजन की तैयारियों का जायजा लिया और यह जानने की कोशिश की कि 26 अक्टूबर को अयोध्या की दीपावली इस बार क्यों खास है।
आस्था की दौड़ के साथ 3 दिनों तक चलने वाले दीपोत्सव समारोह का शुभारंभ हो गया। अयोध्या के पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर हजारों युवाओं ने आस्था की दौड़ लगाई और इसी के साथ त्रेता युग की परिकल्पना को साकार करने वाला दीपोत्सव कार्यक्रम शुरू हो गया है। प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने हरी झंडी दिखाकर राम की पैड़ी से मैराथन को रवाना किया।
दीपोत्सव के पहले दिन से अयोध्या के आधा दर्जन अधिक स्थानों पर रामलीला का मंचन शुरू हो जाएगा, जो मुख्य कार्यक्रम दीपोत्सव के दिन तक चलता रहेगा। साथ ही मुख्य कार्यक्रमों में से एक दीपोत्सव के लिए राम की पैड़ी पर दीपों का लगना भी शुरू हो जाएगा। आस्था की दौड़ के साथ तीन दिवसीय दीपोत्सव का भी शुभारंभ हो गया है। पूरे नगर में 11 मंचो के माध्यम से सांस्कृतिक कार्यक्रम और रामलीला का मंचन होगा।
वहीं युवाओं को रन फॉर रास्ता कार्यक्रम तक लाने में अहम भूमिका निभाने वाली अवध विश्वविद्यालय के कुलपति मनोज दीक्षित ने कहा कि युवा आस्था के साथ जुड़ सकें इस उद्देश्य इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है अयोध्या से श्रद्धालुओं का अपना सांस्कृतिक जुड़ाव है जिस बात का प्रमाण है किया जहां पर इतनी बड़ी संख्या में युवा जुड़े हैं इस बार दीपोत्सव पर 551000 दीपक चलेंगे। जबकि अवध विश्वविद्यालय अपने रिकॉर्ड को फिर से तोड़ने का प्रयास करेगा और इस बार और विश्वविद्यालय न्यूनतम तीन लाख 21 हजार दीप जलाने का प्रयास रहेगा। पूरे नगर की अगर बात की जाए तो 5 लाख 51 हजार दीपक जलाए जाएंगे।