Edited By Pooja Gill,Updated: 06 Dec, 2025 09:14 AM

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य के 20 अस्पतालों को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित करने के लिए 13.46 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य के 20 अस्पतालों को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित करने के लिए 13.46 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। पाठक ने कहा, ‘‘अस्पतालों को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। आधुनिक मशीनें खरीदी जा रही हैं, जिससे मरीजों की समय पर और सटीक जांच हो सकेगी। बीमारी की सही पहचान ही प्रभावी उपचार की दिशा तय करती है।''
'डिजिटल एक्स-रे, ईसीजी, अल्ट्रासाउंड मशीनें खरीदी जाएंगी'
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल एक्स-रे, ईसीजी, अल्ट्रासाउंड मशीनें खरीदी जाएंगी। छोटे-चीरे से मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए आवश्यक मशीनें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे मरीजों को कम समय अस्पताल में रहना पड़ेगा और ऑपरेशन की सफलता दर भी बढ़ेगी। बयान के अनुसार, जिन अस्पतालों को बजट आवंटित किया गया है, उनमें प्रयागराज का मोती लाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय, बरेली जिला महिला चिकित्सालय, मुरादाबाद का पंडित दीन दयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय, लखनऊ का बलरामपुर चिकित्सालय, लखीमपुर खीरी (ओयल) का ट्रॉमा सेंटर, उन्नाव बीघापुर 100 शैय्या संयुक्त चिकित्सालय, फर्रुखाबाद का डॉ. राम मनोहर लोहिया महिला चिकित्सालय शामिल हैं। इसके अलावा महोबा, झांसी और गाजियाबाद के कई संयुक्त एवं जिला चिकित्सालयों, बुलंदशहर (खुर्जा) के एलएसपीजी चिकित्सालय और मऊ जिला चिकित्सालय को भी इस बजट से उन्नत किया जाएगा।
'आंखों की बीमारियों का सटीक इलाज संभव होगा'
लखनऊ के रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय और लोकबंधु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय के लिए भी धनराशि स्वीकृत की गई है। औरैया जिले के बिधूना स्थित 50 शैय्या युक्त डॉ. राम मनोहर लोहिया नेत्र चिकित्सालय को भी इस मद से लाभ मिलेगा। मिर्जापुर में नवनिर्मित 50-बिस्तरा अस्पताल में नेत्र रोग विभाग स्थापित किया जाएगा, जहां आंखों की बीमारियों का सटीक इलाज संभव होगा। विभाग के लिए अलग वार्ड भी बनाया जाएगा। पाठक ने बताया कि कई स्थानों पर भवन निर्माण पूर्ण हो चुका है, लेकिन ऑपरेशन थियेटर और अन्य आवश्यक सुविधाओं के अभाव में चिकित्सा सेवा शुरू नहीं हो पा रही थी। इसलिए अस्पतालों में आधुनिक उपकरणों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।