Edited By Pooja Gill,Updated: 18 May, 2025 02:08 PM

UP News: देवबंद में एक प्रमुख इस्लामी विद्वान मौलाना कारी इस्हाक गौरा ने लड़के-लड़कियों के टैटू बनवाने को लेकर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि लड़के-लड़कियां टैटू बनाने को एक फैशन समझते है...
UP News: देवबंद में एक प्रमुख इस्लामी विद्वान मौलाना कारी इस्हाक गौरा ने लड़के-लड़कियों के टैटू बनवाने को लेकर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि लड़के-लड़कियां टैटू बनाने को एक फैशन समझते है, लेकिन इस्लाम धर्म में टैटू बनवाना हराम के बराबर है। उन्होंने मुस्लिम युवाओं और युवतियों से टैटू न बनाने की अपील भी की है।
'इस फैशन से बचना चाहिए'
टैटू बनवाने का विरोध करते हुए मौलाना ने कहा, 'इस्लाम में टैटू बनवाना 'हराम' यानी वर्जित माना गया है। मुस्लिम युवाओं को इस चलन से बचना चाहिए।' उन्होंने यह भी कहा कि आजकल के लड़के-लड़कियां टैटू को फैशन और आधुनिकता का प्रतीक मानते हैं, जबकि यह इस्लामी दृष्टिकोण से एक गलत प्रथा है। उन्होंने कहा कि ''इस फैशन से सबको बचना चाहिए और अल्लाह से दुआ करनी चाहिए कि उन्हें सही राह दिखाए।''
'टैटू बनवाना शरिया के खिलाफ है'
मौलाना गौरा ने ये भी कहा कि ''टैटू बनवाना शरिया के खिलाफ है, क्योंकि यह अल्लाह द्वारा बनाई गई शरीर की बनावट में बदलाव करना है। उन्होंने कहा कि मुझे अफसोस है कि आज के लोग टैटू बनवाने को हराम नहीं समझते। वो इसे एक स्टेटस सिंबल की तरह देखता है। लेकिन, इस्लाम धर्म के लोगों को इससे बचना चाहिए और बारे सोचना चाहिए।