Edited By Ajay kumar,Updated: 23 Aug, 2019 05:18 PM
यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश में सरकार बनने पर दूध-घी की नदियां बहाने का दावा किया था। आज उसी प्रदेश के सरकारी स्कूल में बच्चे मिड डे मील के नाम पर सिर्फ नमक-रोटी खाने को मजबूर हैं।
मिर्जापुर: यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश में सरकार बनने पर दूध-घी की नदियां बहाने का दावा किया था। आज उसी प्रदेश के सरकारी स्कूल में बच्चे मिड डे मील के नाम पर सिर्फ नमक-रोटी खाने को मजबूर हैं। जी हां, ऐसी ही एक शर्मनाक तस्वीर राज्य के मिर्जापुर जिले से सामने आई है। जहां बच्चों को मिड डे मील में सिर्फ नमक-रोटी परोसा जा रहा है। छात्रों द्वारा नमक रोटी खाए जाने का वीडियो सोसल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
मिर्जापुर के प्राइमरी स्कूल में बच्चों को नमक-रोटी खिलाकर देश के भविष्य को तैयार किया जा रहा है। स्कूलों में चल रहे मिड डे मिल व्यवस्था की यह शर्मनाक तस्वीर अहरौरा स्थित ग्रामसभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय की है। जहां बच्चों को मिड डे मिल के नाम पर सिर्फ नमक रोटी परोसा गया। छात्र कर भी क्या सकते थे। बड़े ही दुखी मन से किसी ने खाया तो किसी ने वैसे ही छोड़ दिया। ये तस्वीर देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश की है। जहां के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ हैं। जो न केवल प्रदेश से भ्रष्टाचार मिटाने की बात गला फाड़ फाड़कर करते हैं बल्कि प्रदेश में रामराज्य स्थापित करने का भी दावा पेश करते हैं। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में सरकार बनने पर गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश में दूध-घी की गंगा बहाने की बात भरे मंच से कर चुके हैं। आज उसी प्रदेश में भ्रष्टाचार की ये तस्वीर कई सारे सवाल खड़े कर रही है। बच्चे दुखी मन से शायद यही पूछ रहे हैं कि हुजूर हमें आपका ये दूध-घी पच नहीं रहा है। हमारे गले के अंदर ये रोटियां उतर नहीं रही हैं।
अच्छा नहीं लग रहा पर मजबूरी है-शिक्षामित्र
बता दें कि इस स्कूल में लगभग 100 के करीब बच्चे हंै। स्कूल में पढ़ाने वाली महिला शिक्षा मित्र शांति का कहना है कि यह देखकर अच्छा नहीं लग रहा पर मजबूरी है।
व्यवस्था नहीं हो पाती तो मजबूरन दिया जाता है: टीचर
टीचर भी स्वीकार कर रहे हंै कि लंबे समय से मिड डे मिल को लेकर दुव्र्यवस्था है। इसका स्थानीय लोग भी विरोध कर चुके हैं। मगर कोई नहीं सुनता है। इसलिए व्यवस्था नहीं हो पाती तो मजबूरन बच्चों को यही खाना दिया जाता है।
पहले नमक भात भी खाने को मिला था-छात्र
स्कूल के बच्चों का कहना है कि आज नमक-रोटी खाने को मिला है। इससे पहले नमक-भात भी खाने को मिला था।
कभी बच्चों को नमक रोटी मिलता है कभी नमक चावल-ग्रामीण
एक ग्रामीण का कहना है कि बच्चों की समय पर भोजन नहीं मिलता है। कभी बच्चों को नमक रोटी मिलता है कभी नमक चावल। अगर स्कूल में 10 लीटर दूध आता है तो आधे बच्चों को मिलता आधे को नहीं। इसी तरह जब कभी केले भी आते हैं तो कुछ ही बच्चों को मिल पाता है। ये समस्या पिछले एक साल से है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच की बात कहकर झाड़ा पल्ला
सोसल मीडिया पर भ्रष्टाचार की तस्वीर वायरल होने के बाद जब बेसिक शिक्षा अधिकारी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने वही रटा रटाया जवाब देते हुए कहा कि प्रकरण संज्ञान में आया है जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।