Edited By Ajay kumar,Updated: 25 Jun, 2024 06:57 PM
18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो चुकी है। तीन जुलाई तक चलने वाले सत्र के शुरुआती दो दिन नए सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है। उत्तर प्रदेश की बरेली लोकसभा सीट से भाजपा सांसद चुने गए छत्रपाल सिंह गंगवार ने मंगलवार को संसद में शपथ लेने के दौरान जय...
नई दिल्लीः 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो चुकी है। तीन जुलाई तक चलने वाले सत्र के शुरुआती दो दिन नए सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है। उत्तर प्रदेश की बरेली लोकसभा सीट से भाजपा सांसद चुने गए छत्रपाल सिंह गंगवार ने मंगलवार को संसद में शपथ लेने के दौरान जय हिंदू राष्ट्र के स्वर बुलंद किए हैं। हिंदू राष्ट्र की जयकारे के साथ ही विपक्ष हमलवार हो गया। सदन में संविधान की प्रतियां लेकर बैठे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे संविधान विरोधी बताया है। वीडियो में वह कहते सुने जा रहे हैं....ये संविधान विरोधी है...ये संविधान विरोधी है।
संविधान की एक-एक प्रति लेकर संसद में पहुंचे विपक्षी सांसद
सनद रहे कि विपक्ष ने संविधान पर सरकार के हमले को चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया था। इसी मुद्दे पर भाजपा यूपी जैसे अपने गढ़ में बड़ा नुकसान ही उठाना पड़ा। और अब जब 18वीं लोकसभा का सत्र शुरू हुआ है तो सांसदों के शपथ के दौरान ही एक बार फिर हिंदू राष्ट्र का मुद्दा गूंजा है। जिस पर विपक्ष आक्रामक हो गया है। दिलचस्प बात ये है कि विपक्षी सांसद शपथ के दौरान भी संविधान की एक-एक प्रति लेकर संसद में पहुंचे हैं। इंडिया अलाइंस के सांसद संविधान की किताब हाथ में लेकर शपथ ले रहे हैं और उसी बीच भाजपा के बरेली से सांसद छत्रपाल गंगवार ने अपने अंदाज में शपथ ग्रहण करने के बाद जय हिंदू राष्ट्र का जयघोष किया है।
गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को करेंगी संबोधित
बुधवार को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा, जबकि गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। विपक्ष ने प्रोटेम अध्यक्ष की नियुक्ति के अलावा नीट-यूजी पेपर लीक व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के स्थगित होने के मामले में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है, जिससे पहले दिन ही हंगामे की भेंट चढ़ गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी का किया जिक्र
संसद सत्र शुरू होने से आधे घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी का जिक्र किया। दरअसल, कल यानी 25 जून को देश में आपातकाल के 50 साल पूरे हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा- 25 जून न भूलने वाला दिन है। इसी दिन संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था। भारत को जेलखाना बना दिया गया था। लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था।भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी। प्रधानमंत्री ने 14 मिनट 28 सेकेंड के भाषण में इमरजेंसी के अलावा, नए संसद भवन, नए सांसदों, जिम्मेदार विपक्ष, तीसरे कार्यकाल, विकसित भारत पर अपनी बात रखी।