Edited By Anil Kapoor,Updated: 01 Aug, 2025 07:10 AM

Jalaun News: राजकीय मेडिकल कॉलेज, जालौन में एक चौंकाने वाली लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां पेट दर्द की शिकायत लेकर इलाज के लिए पहुंचे मरीज ब्रजेश चौधरी की जान उसकी सूझबूझ से बच गई, वरना अस्पताल की गलती से बड़ा हादसा......
Jalaun News: राजकीय मेडिकल कॉलेज, जालौन में एक चौंकाने वाली लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां पेट दर्द की शिकायत लेकर इलाज के लिए पहुंचे मरीज ब्रजेश चौधरी की जान उसकी सूझबूझ से बच गई, वरना अस्पताल की गलती से बड़ा हादसा हो सकता था।
क्या है पूरा मामला?
माधौगढ़ कोतवाली क्षेत्र के डिकौली गांव निवासी ब्रजेश चौधरी को पिछले सोमवार को पेट में दर्द की शिकायत हुई। वह इलाज के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन पहुंचा। डॉक्टरों ने उन्हें ओपीडी में दिखाने के बाद भर्ती होने की सलाह दी। जांच के बाद पता चला कि आंतों में हल्की सूजन है, जो दवाओं से ठीक हो सकती है। ब्रजेश को वार्ड नंबर-7 में भर्ती कर लिया गया और बताया गया कि बुधवार तक आराम मिल जाएगा। लेकिन बुधवार सुबह ऐसा कुछ हुआ, जिसने मरीज और उसके परिवार को चौंका दिया।
बिना जानकारी ले गए ऑपरेशन थिएटर!
सुबह दो वार्ड बॉय ब्रजेश के पास आए और बोले कि उन्हें कुछ जरूरी जांच के लिए चलना है। लेकिन बिना कुछ साफ बताए वे उसे सीधे ऑपरेशन थिएटर (OT) ले गए। वहां उसे ऑपरेशन की तैयारी में शामिल कर लिया गया – ऑपरेशन वाले कपड़े पहनाए गए और शरीर पर मार्कर से गोले बना दिए गए। जब ब्रजेश ने डरते हुए पूछा कि ये सब क्यों किया जा रहा है, तो स्टाफ ने उसे डांटते हुए चुप रहने को कहा। ब्रजेश को अंदेशा हो गया कि कुछ गड़बड़ है। उसने बहाना बनाया कि उसे अपने परिवार वालों से अर्जेंट बात करनी है और किसी तरह ऑपरेशन थिएटर से बाहर निकल आया।
डॉक्टर भी रह गईं दंग
बाहर आकर ब्रजेश ने अपना इलाज कर रही महिला डॉक्टर से पूछा कि क्या उसका कोई ऑपरेशन होना है। डॉक्टर ने जब ये सुना तो वो खुद हैरान रह गईं। उन्होंने साफ कहा कि ऐसी कोई जरूरत नहीं है और उसे तो सिर्फ दवा से ही ठीक किया जा रहा है। इसके बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। जांच हुई तो पता चला कि गलती से किसी और मरीज की जगह ब्रजेश को ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया था। डॉक्टरों ने भी इस गलती को स्वीकार किया और कहा कि स्टाफ से भारी लापरवाही हुई है।
अस्पताल प्रशासन ने क्या कहा?
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि इस पर जांच चल रही है। लापरवाही करने वालों पर जल्द सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल ब्रजेश को ऑपरेशन की कोई जरूरत नहीं है और उसकी आंतों की सूजन का इलाज जारी है। अस्पताल ने अब उसे डिस्चार्ज कर दिया है।