Edited By Nitika,Updated: 16 Jan, 2020 04:38 PM
झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के राज्य की स्थानीय नीति में बदलाव किए जाने के बयान ने झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी एक बार फिर बढ़ा दी है।
दुमका/रांचीः झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के राज्य की स्थानीय नीति में बदलाव किए जाने के बयान ने झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी एक बार फिर बढ़ा दी है।
शिबू सोरेन ने बुधवार को दुमका में खिजुरिया स्थित आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि राज्य सरकार झारखंड के आदिवासी और मूलवासियों को उनका वाजिब हक और अधिकार दिलाने के लिए स्थानीय नीति में बदलाव करेंगी तथा अपने चुनावी घोषणा पत्र के आलोक में सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता के लिए 1932 के आसपास हुए अंतिम सर्वे में दर्ज खतियानी रैयतों का लाभ मुहैया करवाने का प्रावधान करेगी।
वहीं झामुमो अध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा स्थानीय नीति में साल 1985 तक की तिथि निर्धारित किए जाने को गलत करार देते हुए कहा कि स्थानीय नीति में 1985 का कट ऑफ डेट निर्धारित किए जाने से झारखंड के मूलवासी-आदिवासी को उनके हक और अधिकार से वंचित कर दिया गया है। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी महागठबंधन की नई सरकार1932 कट ऑफ डेट लागू करेगी।