Edited By Nitika,Updated: 26 Jun, 2022 10:43 AM
उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद के प्रसिद्ध बागनाथ धाम को केन्द्र की तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन अभियान (प्रसाद) योजना में शामिल करने को लेकर सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। अब योजना के तहत बागनाथ का समग्र विकास हो सकेगा।
नैनीतालः उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद के प्रसिद्ध बागनाथ धाम को केन्द्र की तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन अभियान (प्रसाद) योजना में शामिल करने को लेकर सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। अब योजना के तहत बागनाथ का समग्र विकास हो सकेगा।
यह रहस्योद्घाटन प्रदेश के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बागेश्वर दौरे पर किया। उन्होंने कहा कि बागनाथ धाम बागेश्वर और उत्तराखंड की पहचान है। केन्द्र सरकार को प्रसाद योजना में इसे शामिल करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर केन्द्र सरकार की ओर से सहमति दे दी गई है। जावलकर ने बागनाथ धाम का दौरा किया और यहां के ढांचागत एवं समग्र विकास की संभावनाओं को टटोला। उन्होंने अधिकारियों के साथ विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने आगे कहा कि बागेश्वर के अन्य मंदिरों एवं ऐतिहासिक स्थलों का मानस कोरिडोर के के तहत विकास किया जाएगा और उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई जाएगी। यहां के ढांचागत विकास के साथ ही यहां कनेक्टिविटी पर प्रमुखता से जोर दिया जाएगा।
बागनाथ धाम को प्रसाद योजना में शामिल करवाने के मामले में इसे धामी सरकार की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की ओर से 2014-2015 में पीआरएएसएडी (प्रसाद) योजना शुरू की गई थी। तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन अभियान योजना के तहत देश के धार्मिक पर्यटन को समृद्ध करने के लिए तीर्थ स्थलों को विकसित करने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है।
पर्यटन सचिव ने आगे कहा कि जनपद की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक विरासत में पर्यटन की अपार संभावना है और इससे जहां एक ओर क्षेत्र का विकास होगा, वहीं रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत इन क्षेत्रों के एकीकृत विकास पर जोर दिया जा रहा है और एक समग्र योजना तैयार की जा रही है।