Edited By Nitika,Updated: 16 Apr, 2019 12:31 PM
उत्तराखंड का दून अस्पताल अपनी कारगुजारी के चलते हमेशा से ही सुर्खियों में बना रहा है फिर चाहे मामला मोबाइल की रोशनी से ऑपरेशन करने की बात हो या फिर नवजात बच्चे की अदला-बदली का हो। इस बार दून अस्पताल ने एक और अद्भुत कारनामे को अंजाम दिया।
देहरादूनः उत्तराखंड का दून अस्पताल अपनी कारगुजारी के चलते हमेशा से ही सुर्खियों में बना रहा है फिर चाहे मामला मोबाइल की रोशनी से ऑपरेशन करने की बात हो या फिर नवजात बच्चे की अदला-बदली का हो। इस बार दून अस्पताल ने एक और अद्भुत कारनामे को अंजाम दिया।
जानकारी के अनुसार, दून अस्पताल में रविन्द्र मित्तल नाम का व्यक्ति पैरों की गंभीर बीमारी से ग्रसित था। वह जमीन पर लेटा हुआ था और पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहा था। इतना ही नहीं हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि इनके परिवार के द्वारा इनको लावारिस हालत में अस्पताल में छोड़ दिया गया था। लावारिस मरीज को देखकर कुछ दिनों के इलाज के बाद डॉक्टरों ने भी मरीज को चलते हुए इलाज के दौरान ही डिस्चार्ज करके अस्पताल के एक कोने सीढ़ियों के पास फेंक दिया। वह अपने पैरों पर चलने में असमर्थ था और प्रत्येक आने-जाने व्यक्ति से मदद की गुहार लगा रहा था।
वहीं मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया। इसके बाद डॉक्टरों ने तुरंत आनन-फानन में मरीज को पुनः अस्पताल में भर्ती किया। बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ, इससे पहले भी 3 बार उस मरीज को परिवार के द्वारा इसी तरीके से लावारिस हालत में अस्पताल में छोड़ा गया था।