Edited By Nitika,Updated: 29 May, 2020 03:48 PM
उत्तराखंड के बहुचर्चित चारधाम देवस्थानम बोर्ड अधिनियम के खिलाफ भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका में उठाए गए बिन्दुओं पर सरकार कोई जवाब पेश नहीं कर पाई। कोर्ट ने सरकार को 11 जून तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
नैनीतालः उत्तराखंड के बहुचर्चित चारधाम देवस्थानम बोर्ड अधिनियम के खिलाफ भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका में उठाए गए बिन्दुओं पर सरकार कोई जवाब पेश नहीं कर पाई। कोर्ट ने सरकार को 11 जून तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, देहरादून की गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) रूरल लिटिगेशन एंड इनटाइटलमेंट केन्द्र (रलेक) की ओर से इस मामले हस्तक्षेप प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि चारधाम के मंदिरों के लिए गठित अधिनियम उचित है। इससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होती हैं।
बता दें कि सरकार बोर्ड के माध्यम से मंदिरों के प्रबंधन को अधिक उत्तरदायी बनाना चाहती है। इन मंदिरों का विकास होगा। इससे भारतीय संविधान की धारा 14, 25 और 26 का उल्लंघन नहीं होता है।