Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 11 Oct, 2019 02:21 PM
लखनऊ में आयोजित इंडियन मुस्लिम फॉर पीस के बैनर तले आयोजित मुस्लिम बुद्धिजीवियों की बैठक हुई। इस बैठक में एएमयू के पूर्व कुलपति ले. जनरल (सेवानिवृत्त) जमीरउद्दीन शाह ने अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए वक्फ बोर्ड की 2.77 एकड़ जमीन हिंदुओं को उपहार में...
लखनऊः लखनऊ में आयोजित इंडियन मुस्लिम फॉर पीस के बैनर तले आयोजित मुस्लिम बुद्धिजीवियों की बैठक हुई। इस बैठक में एएमयू के पूर्व कुलपति ले. जनरल (सेवानिवृत्त) जमीरउद्दीन शाह ने अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए वक्फ बोर्ड की 2.77 एकड़ जमीन हिंदुओं को उपहार में देने की बात कहकर एक बार फिर चर्चा में हैं।
जमीरउद्दीन ने कहा कि हिंदुस्तान में अमन के पक्षधर हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत होगा, लेकिन बहतर होगा कि सुलह से मामला हल हो। जमीरउद्दीन हिंदू-मुस्लिम एकता के पक्षधर हैं। एएमयू में अपने कार्यकाल के दौरान उनके कुछ कार्यों एवं फैसलों पर कट्टरपंथी काफी नाराज हुए थे। एएमयू कुलपति रहते हुए वह कई बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इंद्रेश कुमार व दूसरे नेताओं से मिले थे।
बता दें कि, मुस्लिमों के एक संगठन ने अयोध्या मामले का अदालत के बाहर समाधान निकालने की हिमायत की है। उन्होंने राय दी कि मुल्क में अमन-चैन कायम रखने के लिए (मुस्लिम) समुदाय के लोग इस विवादित स्थल को सुप्रीम कोर्ट के जरिए केंद्र सरकार को सौंप दें। प्रस्ताव के अनुसार देश के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताने-बाने और हिंदुओं के साथ (मुसलमानों) के सदियों पुराने संबंधों की खातिर संगठन की राय है कि मुस्लिम पक्ष विवादित जमीन को सुप्रीम कोर्ट के जरिए केंद्र सरकार को सौंप दे, ताकि मुल्क में शांति और सौहार्द कायम रहे।