COVID-19 को लेकर एक बार फिर योगी सरकार सख्त, टेस्ट बढ़ाने के दिए निर्देश

Edited By Ramkesh,Updated: 27 Mar, 2023 03:13 PM

yogi government once again strict regarding

उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में कोरोना के मामले बढ़ने से सतरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में एहतियात बरतने और टेस्ट बढ़ाने के निर्देश दिये हैं।  योगी ने सोमवार को टीम-09 की बैठक में प्रदेश में कोविड-19 और इन्फ्लुएंजा की स्थिति की समीक्षा की।...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में कोरोना के मामले बढ़ने से सतरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में एहतियात बरतने और टेस्ट बढ़ाने के निर्देश दिये हैं।  योगी ने सोमवार को टीम-09 की बैठक में प्रदेश में कोविड-19 और इन्फ्लुएंजा की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पिछले सात दिनों में करीब दो लाख 20 हजार टेस्ट किए गए और 265 कोविड पॉजिटिव मरीज पाए गए। प्रदेश में प्रति 10 लाख की आबादी पर 01 कोविड पॉजिटिव मरीज है। वर्तमान में 262 एक्टिव केस हैं और किसी की स्थिति गंभीर नहीं है। सभी घर पर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। वर्तमान में देश में किए जा रहे कुल कोविड टेस्ट का 35-40 फीसदी टेस्ट उत्तर प्रदेश में हो रहा है। सतर्कता और सुरक्षा के दृष्टिगत इसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है।

गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में सर्वाधिक  COVID-19 केस मिले
उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह लखनऊ, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में सर्वाधिक केस मिले हैं। यहां विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। लखीमपुर के एक विद्यालय में पॉजिटिव पाई गई सभी लोगों की स्थिति ठीक है। सभी को क्वारेन्टीन किया गया है। इनके स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश कोविड टीकाकरण से सुरक्षित है। सर्वाधिक टीकाकरण उत्तर प्रदेश में हुआ है। ऐसे में किसी बड़े खतरे की आशंका न्यून है। आगामी दिनों के मंदिरों व अन्य धर्मस्थलों में लोगों का आवागमन बढ़ेगा। ऐसे में संक्रमण प्रसार की संभावना हो सकती है। ऐसे में गंभीर रोग से ग्रस्त, वृद्धजन भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में आवागमन से यथासंभव बचने का प्रयास करें। इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए।

75 जिलों में कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल चिन्हित किए जाएं: योगी
योगी ने कहा कि देश में बढ़ते केस को देखते हुए तत्काल सभी 75 जिलों में कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल चिन्हित किए जाएं। विगत वर्ष स्थापित सभी ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हों। अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराए गए वेंटिलेटर एक्टिव हों। पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती हो। जहां वेंटिलेटर हो वहां एनेस्थेटिक की तैनाती जरूर की जाए। कोविड के साथ-साथ इन्फ्लूएंजा के संदिग्ध मरीजों की निगरानी की जाए। आगामी 11-12 अप्रैल को पूरे प्रदेश में अस्पतालों में मॉक ड्रिल करते हुए अपनी तैयारियों की परख की जाए।

 

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