Edited By Ramkesh,Updated: 21 Jul, 2025 05:23 PM

"गुमशुदा लोगों को ढूंढने वाले अब खुद ही गुमशुदा हैं! दरअसल, कानपुर कमिश्नरेट से ऐसी खबर आई जिसने पुलिस की वर्दी पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। 161 पुलिसकर्मी – छुट्टी लेकर गए थे घर… मगर लगता है घर जाकर अब वापस आना मानों जैसे भूल गए हों..! कोई 3 दिन से,...
कानपुर (प्रांजुल मिश्रा): "गुमशुदा लोगों को ढूंढने वाले अब खुद ही गुमशुदा हैं! दरअसल, कानपुर कमिश्नरेट से ऐसी खबर आई जिसने पुलिस की वर्दी पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। 161 पुलिसकर्मी – छुट्टी लेकर गए थे घर… मगर लगता है घर जाकर अब वापस आना मानों जैसे भूल गए हों..! कोई 3 दिन से, कोई 3 महीने से गायब है…और विभाग उन्हें ढूंढते-ढूंढते अब खुद थका हारा 'लापता खोज दल' बनकर रह गया है। नोटिस पे नोटिस दी जा रही हैं, लेकिन जवाब... सन्नाटा..! थक हार कर विभाग ने उनकी रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेज दी है।
आपको बता दे कि वैसे तो पुलिस विभाग में जल्दी अवकाश नहीं मिलता है जब भी पुलिस वाले छुट्टी पर जाते हैं तो उनमें से कई पारिवारिक या अन्य किसी कारण से रुक जाते हैं और समय पर आमद नहीं कराते ऐसा ही किया है शहर के 161 पुलिस कर्मियों ने इसमें कानपुर कमिश्नरेट के चारों जोन पुलिस लाइन, कार्यालय और यातायात विभाग में तैनात पुलिसकर्मी शामिल है।
विभागीय सूत्र बताते हैं कि जो पुलिसकर्मी लंबे समय तक गैर हाजिर रहते हैं और विभाग के पत्राचार पर भी रिस्पांस नहीं देते हैं उन्हें डिसलोकेट की श्रेणी में डाल दिया जाता है वापस न लौटने पर इन सभी को भी इसी श्रेणी में डाल दिया गया है सूत्रों का कहना है इन डिसलोकेट पुलिसकर्मियों के गृह जनपद में दो-दो बार पत्र भेजे गए लेकिन कोई जवाब नहीं आया और ना ही यह वापस लौटे।
एस एम क़ासिम आबिदी पुलिस उपायुक्त ने बताया कुछ पुलिसकर्मी विभाग से छुट्टी लेकर घर जाते हैं ऐसे कभी- कभी ये समय से ड्यूटी पर नहीं पहुंच पाते हैं तो प्राथामिक स्तर पर जांच की जाती है अगर ऐसा प्रतीत होता है कि इनके द्वारा लापरवाही की गई है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाती है।