रामगोपाल बोले-मुख्यमंत्री का फरमान, 'मिट्टी में मिलादेंगे' तो कोई आश्चर्य नहीं कि अतीक के शेष बेटे भी मारे जाएं !

Edited By Ramkesh,Updated: 16 Apr, 2023 11:26 AM

will mix in the soil then it is no wonder that the rest of atiq

गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर सवालिया निशान लगा है। वहीं हत्या कांड के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल ने बड़ा आरोप लगया है।

लखनऊ: गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर सवालिया निशान लगा है। वहीं हत्या कांड के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल ने बड़ा आरोप लगया है। उन्होंने  ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री जी का फरमान” मिट्टी में मिलादेंगे”अतीक अहमद की सुप्रीम कोर्ट में  याचिका-  पुलिस अभिरक्षा में हत्या की आशंका के चलते सुरक्षा की मांग- No relief.फिर फेक encounters और पुलिस के घेरे में सुनियोजित हत्या तो होनी ही हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि अतीक के शेष बेटे भी मारे जाएं !


पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद और उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या करने के बाद गोली मारने वाले बदमाशों ने मौके पर ही हाथ खड़े करके आत्मसमर्पण कर दिया। आरोपी उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जिलो के रहने वाले हैं। हत्या करने वाले युवकों के नाम लवलेश तिवारी, अरुण और सनी बताए गए हैं। पुलिस ने हत्या का मुदमा दर्ज कर लिया है। 

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बता दें कि बता दें कि गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को अज्ञात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी जब पुलिस दोनों को यहां एक मेडिकल कॉलेज लेकर जा रही थी। उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने घटना की उच्‍च स्‍तरीय जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय जांच आयोग के गठन के निर्देश दिये हैं। वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। गोलीबारी की घटना रात करीब 10 बजे की है जो कैमरे में दर्ज हो गई क्योंकि मेडिकल जांच के लिए पुलिस द्वारा दोनों को अस्पताल ले जाते समय मीडियाकर्मी उनके साथ चल रहे थे। विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रयागराज की घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने तत्काल उच्‍च स्‍तरीय बैठक बुलाई और पूरे मामले की उच्‍च स्‍तरीय जांच के आदेश दिये हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक और अशरफ को एक अदालत में पेश करने के लिए गुजरात के अहमदाबाद में उच्च सुरक्षा वाली साबरमती केंद्रीय जेल से 26 मार्च को प्रयागराज ले आई। अदालत ने 28 मार्च को अपहरण मामले में अहमद और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पुलिस ने कहा कि अहमद पर उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिन सबसे सनसनीखेज हत्याओं में अहमद कथित रूप से शामिल था, उनमें तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का मामला भी शामिल था, जिनकी 2005 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अहमद ने सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था, जिसमें दावा किया गया कि उसे और उसके परिवार को उमेश पाल हत्याकांड में झूठा फंसाया गया है और उसने आशंका जताई कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उसे फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है।
 

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