Edited By Pooja Gill,Updated: 27 Oct, 2022 03:36 PM

देशभर में पशुओं में फैल रहे लंपी वायरस की रोकथाम में उत्तर प्रदेश अव्वल नंबर पर रहा है। दरअसल, देश में लंपी वायरस तेजी से फैल रहा था, जिसके बाद लंपी रोग की रोकथाम के लिए सरकारी अभियान चलाया गया...
लखनऊः देशभर में पशुओं में फैल रहे लंपी वायरस की रोकथाम में उत्तर प्रदेश अव्वल नंबर पर रहा है। दरअसल, देश में लंपी वायरस तेजी से फैल रहा था, जिसके बाद लंपी रोग की रोकथाम के लिए सरकारी अभियान चलाया गया। इस अभियान में 1.50 करोड़ पशुओं का टीकाकरण किया। यह अभियान पूरे दो महीने चला, जिसमें यूपी पूरे देश में से पहले स्थान पर रहा। जिसके चलते राज्य में अब लंपी वायरस से रिकवरी दर 95 प्रतिशत है।
बता दें कि देश के साथ-साथ प्रदेश में भी लंपी वायरस तेजी से फैल रहा था, जो पशुओं को अपनी चपेट में ले रहा था। जिसके बाद इस घातक रोग पर काबू पाने के लिए एक अभियान की शुरूआत की गई थी। जिसके चलते यूपी में 1.50 करोड़ पशुओं का टीकाकरण किया गया। जिसके बाद मौजूदा समय में प्रदेश के 32 जिले लंपी रोग से प्रभावित हैं। इनमें करीब 1.05 लाख पशु लंपी रोग से ग्रस्त हैं। टीकाकरण अभियान के दो महीने बाद यूपी ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि दूसरे नंबर पर गुजरात रहा।

अभियान चलाकर लंपी चक्र को तोड़ा
अभियान शुरू होने के बाद घर-घर पशु चिकित्सकों को भेजकर उपचार किया गया, जिससे अब तक 1 लाख से अधिक पशु रोगमुक्त हो चुके हैं। विभाग द्वारा टीम-9 का गठन किया गया। जिसके वरिष्ठ नोडल अधिकारियों द्वारा प्रभावित बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा और अलीगढ़ मंडलों में अभियान चलाकर लंपी चक्र को तोड़ा गया।
डेडीकेटेड गो चिकित्सा स्थल बनाकर संक्रमण के फैलाव को रोका
चिकित्सकों की टीम द्वारा 26 जिलों में 89 डेडीकेटेड गो चिकित्सा स्थल बनाकर भी संक्रमण के फैलाव को रोका गया। प्रवक्ता ने बताया कि, 1.50 करोड़ टीकाकरण लक्ष्य लगभग 2000 टीमों द्वारा पूरा किया गया है। जबकि 31 अक्तूबर तक 1.60 करोड़ पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। वहीं शासन द्वारा प्रदेश के पशुपालकों और किसानों को नवंबर में विशेष रूप से लंपी को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि लंपी का खतरा अभी भी बना हुआ है।