Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 17 Aug, 2022 04:07 PM

यूपी के उन्नाव से अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां 6 महीने के बेटे की बीमारी ठीक करने के लिए एक पिता ने अपनी ही जान को खतरे में डाल दिया। पिता ट्रेन के आगे खड़ा हो गया और 6 माह के बेटे का बह...
उन्नाव: यूपी के उन्नाव से अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां 6 महीने के बेटे की बीमारी ठीक करने के लिए एक पिता ने अपनी ही जान को खतरे में डाल दिया। पिता ट्रेन के आगे खड़ा हो गया और 6 माह के बेटे का बहरापन दूर करवाने के लिए ट्रेन के ड्राइवर से हॉर्न बजाने की बात कही। इस बीच ड्राइवन ने ट्रेन रोककर उस शख्स से ट्रैक से हटने को भी कहा लेकिन वह तैयार नहीं हुआ। जिसके बाद सारा मामला उजागर हुआ।

जानिए क्या है मामला?
बता दें कि यह घटना कोतवाली बांगरमऊ के गंजमुरादाबाद हाल्ट के पास सुबह की है। बताया गया कि बच्चा सुन नहीं पा रहा था, इसी वजह से पिता ने इस टोटके का सहारा लिया। पिता को लगा कि अगर ट्रेन के हॉर्न बार-बार बजाए जाएं तो शायद उसके बच्चे का बहरापन दूर हो जाएगा और वह सुनने लगेगा। जिसके चलते वह अपने बच्चे को लेकर कानपुर-बालामऊ पैसेंजर ट्रेन के आगे खड़ा हो गया।
इसके बाद ड्राइवर ने ट्रेन रोक कर पिता को ट्रैक से हटाने की कोशिश की, मगर बेटे को हॉर्न सुनवाए बिना पिता न हटने की जिद पर अड़ा रहा। बस यही कहता रहा कि बच्चे को 'जमोगा' (बहरापन) हो गया है। दो-चार बार गाड़ी की सीटी सुना दो, बच्चा ठीक हो जाएगा। उसकी जिद पर ड्राइवर ने हॉर्न बजाया, तब पिता बच्चे को लेकर पटरी से हटा। बताया जा रहा है कि इस चक्कर में करीब पांच मिनट तक ट्रेन रुकी रही।
जनजातीय परिवार में ये है अंधविश्वास
ग्रामीणों ने बताया कि जनजातीय परिवारों में यह अंधविश्वास है कि बच्चों का जमोगा रोग ट्रेन के तेज हार्न सुनने से ठीक हो जाता है। स्टेशन मास्टर ने कहा कि उसकी वजह से गाड़ी यहां कुछ देर तक रुकी रही।