Edited By Pooja Gill,Updated: 23 May, 2023 03:33 PM

UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जहां पर एक लाचार मां रातभर अपने 22 साल के बेटे के शव को लेकर श्मशान घाट के सामने बैठी रही। उसके पास न तो बेटे के कफन के लिए और न ही अंतिम...
UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जहां पर एक लाचार मां रातभर अपने 22 साल के बेटे के शव को लेकर श्मशान घाट के सामने बैठी रही। उसके पास न तो बेटे के कफन के लिए और न ही अंतिम संस्कार के लिए पैसे थे। पूरी रात वह अपने बेटे की लाश के पास लाचार बैठी रही। जब दिन हुआ तो लोगों को पता चला, तब जाकर एक संस्था ने लाचार मां के बेटे का अंतिम संस्कार कराया और मानवता का फर्ज निभाया।

बता दें कि, आजमगढ़ जिले की रहने वाली शारदा अपने बेटे राहुल यादव के साथ रोजगार की तलाश में एक वर्ष पहले मुजफ्फरनगर आई थी। पति की मौत के बाद राहुल ही घर में कमाने वाला था। वह यहां एक फैक्ट्री में ठेकेदार की देखरेख में मजदूरी करता था। जिससे सिर्फ परिवार का गुजारा ही मुश्किल से चलता था। एक महीने पहले राहुल अचानक बीमारी की चपेट में आ गया। जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए मेरठ ले जाने के लिए कहा गया। राहुल एक महीने तक मेरठ मेडिकल में भर्ती रहा। लंबी बीमारी के बाद उसकी मौत हो गई।
यह भी पढ़ेंः Power Corporation: बिजली चोरी करने वाले जरा हो जाएं सावधान! रात के अंधेरे में पड़ेंगे पावर कॉर्पोरेशन के छापे

मिली जानकारी के मुताबिक, मेडिकल में मां ने स्वास्थ्य कर्मियों के सामने अपनी लाचारी बताई। मेरठ में स्वास्थ्य कर्मियों ने उसके बेटे का शव मुजफ्फरनगर के श्मशान घाट तक भिजवाने की बात कही। मेडिकल कॉलेज की एंबुलेंस से राहुल का शव रविवार देर रात नई मंडी श्मशान घाट भिजवाया तब तक श्मशान घाट के दरवाजे बंद हो चुके थे। यहां लोगों की आवाजाही नहीं थी। बेटे की बिमारी के चलते उसकी मां पाई-पाई के लिए मोहताज हो चुकी है। उसके पास बेटे के कफन और अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे। वो सारी रात श्मशान घाट के बाहर बैठी रही है कि, शायद कोई उसके बेटे का संस्कार कर दे। जब इस बात की जानकारी साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की अध्यक्ष शालू सैनी श्मशान घाट पहुंची और राहुल का अंतिम संस्कार कराकर मानवता का फर्ज निभाया।