Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 Jul, 2023 04:46 PM

UP, इन दिनों PCS ज्योति मौर्या और पति आलोक मौर्य का मामला सुर्खियों में है। इसी तरह का ताजा मामला कानपुर से सामने आया है। जहां एक युवक ने खुद मेहनत मजदूरी कर अपनी पत्नी को नर्सिंग की पढ़ाई कराई। इस...
कानपुर, UP: इन दिनों PCS ज्योति मौर्या और पति आलोक मौर्य का मामला सुर्खियों में है। इसी तरह का ताजा मामला कानपुर से सामने आया है। जहां एक युवक ने खुद मेहनत मजदूरी कर अपनी पत्नी को नर्सिंग की पढ़ाई कराई। इसके लिए वह भारी कर्ज में डूब गया। अब उसकी पत्नी को नौकरी भी मिल गई है। उसे उम्मीद थी कि अब उसकी गरीबी दूर हो जाएगी, लेकिन उसी पत्नी ने बड़ा झटका देते हुए कह दिया है कि तुम मुझे पसंद नहीं हो।
जानिए क्या है मामला?
दरअसल, मामला कानपुर देहात के मैथा थाना क्षेत्र में रविंद्र पुरम गांव का है। यहां रहने वाले अर्जुन की शादी 2017 में बस्ती जिले की रहने वाली सविता मौर्या के साथ हुई थी। सविता शुरू से ही महत्वाकांक्षी थी और उसने पति के सामने पढ़ाई कर कुछ बनने की इच्छा जाहिर की। अर्जुन ने भी उसकी इच्छा का सम्मान किया और गरीबी के बावजूद मेहनत मजदूरी कर उसका दाखिला कानपुर के मंधना स्थित रामा कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड पैरा मेडिकल साइंस संस्थान में करा दिया।
अथक मेहनत के साथ हर महीने पत्नी की पढ़ाई में आने वाले खर्चे का इंतजाम करता रहा। पढ़ाई पूरी होते ही सविता की दिल्ली के एक अस्पताल में नौकरी मिल गई। कुछ ही दिन वह यहां काम कर पायी थी कि अर्जुन को उसके चरित्र पर शक हो गया और उसने पत्नी को वापस बुला लिया। जिसके बाद कड़ी मशक्कत के बाद नौकरी कानपुर देहात में रसूलाबाद के नारखुर्द स्थित स्वास्थ्य केंद्र में लगवा दी गई। यहां सविता को अच्छी खासी तनख्वाह मिलने लगी। जिसके बाद वह पति को अक्सर काला कलूटा कहकर अपमानित करने लगी। वहीं अब उसने सीधा सीधा कह दिया है कि तुम मुझे पसंद नहीं हो और हमारा तुम्हारा स्टेट्स मेल नहीं करता। इसके बाद सविता ने पति से किनारा कर लिया है। वहीं पति अर्जुन ने शासन और प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है।
ज्योति मौर्य के केस का असर
जानने योग्य है कि ज्योति मौर्य के केस के बाद कई जगहों से ऐसे में मामले सामने आ रहे हैं। वहीं कई जगहों पर पति पत्नियों को पढ़ाई करने रोक रहे हैं ताकि वह भी ज्योति न बन जाएं। सोशल मीडिया पर ज्योति मौर्य मामले को लेकर एक बहस सी छिड़ी हुई है। कुछ ज्योति का पक्ष ले रहे हैं तो कुछ लोग आलोक को समर्थन कर रहे हैं। हालांकि सच्चाई क्या है, यह तो जांच का विषय है।