Edited By Umakant yadav,Updated: 17 Jun, 2021 11:08 PM
पीठ ने सैयद अमजद हुसैन की अवमानना याचिका पर सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल और निदेशक शिशिर सिंह को 29 जून को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के निर्देश देते हुए कहा है कि वे दोनों शपथ पत्र पर लिखकर इस बात की सफाई दें कि अदालत के...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव तथा निदेशक को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अवमानना के एक मामले में 29 जून को अदालत में हाजिर होने के निर्देश दिए है। न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन की पीठ ने सैयद अमजद हुसैन की अवमानना याचिका पर सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल और निदेशक शिशिर सिंह को 29 जून को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के निर्देश देते हुए कहा है कि वे दोनों शपथ पत्र पर लिखकर इस बात की सफाई दें कि अदालत के सात दिसंबर 2020 को जारी आदेश की जानबूझकर अनदेखी करने पर क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
याची के वकील एस सी मिश्रा ने अदालत से कहा कि न्यायालय ने सात दिसंबर 2020 को सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल और निदेशक शिशिर को निर्देश दिए थे कि वे सैयद अमजद हुसैन को सूचना विभाग में संयुक्त निदेशक के पद पर काम जारी रखने दें और उन्हें नियमानुसार वेतन तथा भत्ते दिए जाएं, मगर न्यायालय के इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। अदालत ने सहगल और शिशिर को पिछली आठ अप्रैल को नोटिस जारी किया था जिन्हें उनके कार्यालय के माध्यम से सौंपा गया था। मामले की अवमानना याचिका पर सुनवाई होने पर राज्य सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि उन्हें दोनों अधिकारियों के कार्यालय की तरफ से कोई भी निर्देश अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है।
न्यायालय ने इस पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अवमानना याचिका पर अधिकारियों द्वारा अधिवक्ता को निर्देश नहीं भेजा जाना, खास तौर पर तब जब उन्हें उनके कार्यालय के मार्फत नोटिस भी भेजे जा चुके थे, प्रथम दृष्टया इन अधिकारियों के लापरवाही पूर्ण रवैये को जाहिर करता है। अदालत ने दोनों अफसरों से यह स्पष्ट करने को कहा है कि उन्होंने नोटिस जारी होने के बावजूद मुख्य स्थाई अधिवक्ता कार्यालय को अपने निर्देश क्यों नहीं भेजे।