UP सरकार को तीन महीने में ‘दान विपत्र' से मिला 477.54 करोड़ रुपये का राजस्व

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 Oct, 2022 05:39 PM

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उत्तर प्रदेश में पारिवारिक सदस्यों के बीच अचल संपत्ति के बंटवारे को सुगम बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई योजना के तहत...

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में पारिवारिक सदस्यों के बीच अचल संपत्ति के बंटवारे को सुगम बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई योजना के तहत किए गए ‘दान विपत्र' (गिफ्ट डीड) से 18 जून से दो अक्टूबर, 2022 के बीच 477.54 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है। यहां राजस्व परिषद के सभागार में यह जानकारी देते हुए प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने बताया कि पहले परिवारों में अधिकांश विवाद अचल संपत्ति में बंटवारे को लेकर था और न्यायालय में मुकदमे भी बहुत अधिक थे। उन्होंने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए निबंधन विभाग ने 18 जून, 2022 को पारिवारिक सदस्यों के बीच अचल संपत्तियों के हस्तांतरण पर लगने वाले स्टांप शुल्क को छह-सात प्रतिशत से घटाकर मात्र 5,000 रुपये कर दिया।

वास्तव में सरकार का राजस्व बढ़ा है- राज्यमंत्री 
जायसवाल ने बताया कि विभाग के इस निर्णय के बाद जहां परिवारों में सौहार्द्रपूर्ण वातावरण स्थापित हुआ, वहीं 18 जून से दो अक्टूबर, 2022 के बीच 1,38,499 ‘दान विपत्र' पंजीकृत हुए जिससे विभाग को 477.54 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि पूर्व में अचल संपत्तियों के हस्तांतरण पर बहुत अधिक शुल्क लगने के कारण परिवार के मुखिया संपत्ति हस्तांरित करने के बजाय वसीयत का सहारा लेते थे जो मृत्यु के बाद लागू होता था और तब तक परिवार में तनाव और विवाद की स्थिति बनी रहती थी। मंत्री ने कहा कि विभाग के इस निर्णय से राजस्व नुकसान की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन वास्तव में सरकार का राजस्व बढ़ा है और वसीयत कराने वाले लोगों की संख्या में गिरावट आई है।

पूरे प्रदेश में 1,78,000 जन सेवा केंद्र हैं
उन्होंने बताया कि विभाग ने जन सेवा केंद्र के माध्यम से ई-स्टांप की बिक्री शुक्रवार को वाराणसी से शुरू की है। पूरे प्रदेश में 1,78,000 जन सेवा केंद्र हैं। अब हर गांव और मोहल्ले में स्थित जन सेवा केंद्र से लोग स्टांप ले सकेंगे। मंत्री ने बताया कि जन सेवा केंद्र चलाने वाला व्यक्ति 24 घंटे में ई स्टांप का लाइसेंस हासिल कर सकता है। उन्होंने बताया कि ई-स्टांप का लाइसेंस लेने के लिए व्यक्ति एसडीएम के पास सादे पन्ने पर एक घोषणा पत्र लिखकर आवेदन कर सकता है और उसे 24 घंटे के भीतर ई-स्टांप बेचने का लाइसेंस जारी किया जाएगा। 
 

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