UP सरकार का ऐतिहासिक कदम: 60+ किन्नरों के लिए वृद्धाश्रम, पेंशन और मेडिकल सुविधाओं से मिलेगा नया जीवन

Edited By Anil Kapoor,Updated: 01 May, 2025 08:32 AM

in up transgenders above 60 years of age are getting old age home facilities

Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में 60 वर्ष से अधिक आयु के किन्नरों को वृद्धाश्रम की सुविधा दे रही है। इससे उन्हें आश्रय के साथ-साथ सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जीने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें पेंशन, आयुष्मान भारत कार्ड, स्वास्थ्य जांच,...

Lucknow News(अश्वनी कुमार सिंह): उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में 60 वर्ष से अधिक आयु के किन्नरों को वृद्धाश्रम की सुविधा दे रही है। इससे उन्हें आश्रय के साथ-साथ सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जीने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही उन्हें पेंशन, आयुष्मान भारत कार्ड, स्वास्थ्य जांच, भोजन और मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग जैसी आवश्यक सेवाएं भी दी जाएंगी।

60+ किन्नरों को मिलेगा वृद्धाश्रम, भोजन, स्वास्थ्य और काउंसलिंग की सुविधा
मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार की ओर से बुधवार को यहां जारी एक बयान के मुताबिक सरकार द्वारा संचालित वृद्धाश्रमों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के किन्नरों के लिए व्यवस्थित और संवेदनशील देखभाल व्यवस्था की गई है। इनमें पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थ्य जांच, दवाइयों की उपलब्धता, चिकित्सकीय देखरेख और मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसिलिंग सेवाएं शामिल हैं। बयान के मुताबिक इन वृद्धाश्रमों में सामुदायिक गतिविधियों, पुस्तकालय, योग एवं ध्यान सत्र जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें सक्रिय और सकारात्मक जीवन जीने के अवसर मिल रहे हैं। इसके अतिरिक्त, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को मासिक पेंशन और आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी दिया जा रहा है।

ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ और पेंशन योजना की शुरुआत
बयान में कहा गया है कि यह सुविधा समाज के ऐसे वर्ग के लिए है, जिसे दशकों तक उपेक्षा और भेदभाव का सामना करना पड़ा। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रदेश में ट्रांसजेंडर समुदाय को समान अधिकार, गरिमा और अवसर मिलें। बयान के अनुसार किन्नर समुदाय की सुरक्षा और समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए प्रदेश सरकार ने हर जिले में 'ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ' की स्थापना की है।

ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल से मिलेंगे कानूनी सहायता, पुलिस संरक्षण और सामाजिक पुनर्वास के अवसर
बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी की देखरेख में यह प्रकोष्ठ संचालित किया जा रहा है, जिससे इनकी कार्यप्रणाली प्रभावी और उत्तरदायी बनी रहे। इसके अतिरिक्त, राज्य स्तर पर भी ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन सेल का गठन किया गया है जो समग्र निगरानी और नीति-निर्माण में सहयोग करता है। सुरक्षा सेल के माध्यम से ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को पुलिस संरक्षण, कानूनी सहायता, उत्पीड़न के मामलों में कार्रवाई और सामाजिक पुनर्वास जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। इससे ट्रांसजेंडर व्यक्तियों में भयमुक्त वातावरण का संचार हुआ है।

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