UP Board Result 2018: यूपी बोर्ड का रिजल्ट घोषित, जानने के लिए यहां करे क्लिक

Edited By Anil Kapoor,Updated: 29 Apr, 2018 03:06 PM

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के हाईस्कूल और इंटरमीडियेट परीक्षा के आज आने वाले नतीजे 55 लाख से अधिक परीक्षार्थियों की प्रतिभा का आकलन करेंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रविवार दोपहर 1 बजे तक परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे जिसे बोर्ड की...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के हाईस्कूल और इंटरमीडियेट परीक्षा के आने नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। रविवार दोपहर 12.30 बजे परीक्षा परिणाम घोषित किए गए जिसे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट http://upresults.nic.in के अलावा समाचार पत्रों और विभिन्न निजी पोर्टलों पर देखा जा सकता है। बता दें कि बोर्ड परीक्षा के लिए इस बार हाईस्कूल और इंटर में कुल 66,37,018 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था हालांकि नकल पर नकेल के चलते 11,29,786 ने बीच में ही परीक्षा छोड़ दी थी जिसके परिणाम स्वरूप 55 लाख 7 हजार 232 छात्रों का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया।

जानकारी के अनुसार योगी सरकार ने इस साल नकल विहीन परीक्षा के लिए तमाम इंतजाम किए थे। परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे जबकि परीक्षकों को भी परीक्षा के दौरान अपने कक्ष से बाहर निकलने की मनाही थी। परीक्षा केन्द्र पर शिक्षक और परीक्षार्थियों को मोबाइल फोन लाने की सख्त मनाही थी जबकि केन्द्रों की सुरक्षा में लगी पुलिस को नियमो का पालन करने की सख्त हिदायत दी गई थी। परीक्षकों को ड्यूटी पर नियमित रूप से हाजिर रहने के सख्त दिशा निर्देश दिए गए थे जबकि परीक्षा कक्ष की वीडियो रिकार्डिंग नियमित रूप से जिला प्रशासन के पास भेजी जाती थी। सचल दस्तों ने भी इस साल ज्यादा सक्रियता दिखाई थी।

सरकार के सख्त तेवरों के चलते बडी तादाद में विद्यार्थियों ने बीच में ही परीक्षा छोड़ दी थी। उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के दौरान भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मूल्याकंन में जुटे परीक्षकों को समय पर आने की पाबंदी थी और निर्धारित समय सीमा के बाद ही उन्हे मूल्यांकन केन्द्र से बाहर जाने की इजाजत दी जाती थी। मुख्यमंत्री ने परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा था नकलविहीन परीक्षा सुनिश्चित कराने की सामूहिक जिम्मेदारी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों तथा जिला विद्यालय निरीक्षकों की होगी।

नकल की शिकायत मिलने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले 1992 में कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में नकलचियों पर नकेल कसी गई थी हालांकि उस दौरान हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के परीक्षाफल के प्रतिशत में खासी गिरावट दर्ज की गई थी।

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