Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Nov, 2023 07:47 PM

पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने बंदरों को पकड़ कर बेचने वाले दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। साथ में उनके पास से 15 लंगूर बंदर भी बरामद हुए हैं। बंद बोरियों में 15 लंगूर बंदरों की तस्करी कर आर्टिगा कार से ले जा रहे दो लोग पुलिस के हफ्ते...
उन्नाव: पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने बंदरों को पकड़ कर बेचने वाले दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। साथ में उनके पास से 15 लंगूर बंदर भी बरामद हुए हैं। बंद बोरियों में 15 लंगूर बंदरों की तस्करी कर आर्टिगा कार से ले जा रहे दो लोग पुलिस के हफ्ते चढ़ गए। बड़ी बात तो यह है कि दोनों ही तस्कर चेकिंग से बचने के लिए लग्जरी वाहन का प्रयोग लंबे समय से कर रहे थे। दोनों ही तस्कर उन्नाव के थाना बारासगवर क्षेत्र से जनपद संभल लंगूरों को ले जा रहे थे। जहां पर यह बेचते और यहां एक लंगूर बंदर की कीमत ₹5000 मिलती है। वहीं पकड़े गए बंदरों को मेडिकल के बाद नवाबगंज स्थित पंछी विहार में छुड़वा दिया गया है, और साथ ही पुलिस ने दोनों तस्करों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।

पुलिस को शक होने पर बोरियों को खुलवाकर देखा तो मरणासन्न स्थिति में 15 लंगूर बोरी में मिले
आपको बता दें कि सफीपुर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत उन्नाव-हरदोई मार्ग पर गंदानाला पुलिया के पास चेकिंग के दौरान पुलिस ने आर्टिगा कार की तलाशी ली। जिसमें तीन बंदी बोरियां रखी मिली थी वह हिल डुल रही थी। पुलिस को शक होने पर पुलिस ने उन बोरियों को खुलवाकर देखा तो मरणासन्न स्थिति में 15 लंगूर बोरी में मिले। उसके बाद कर में सवार दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेकर जानकारी की तो उनकी पहचान संभल जिले के मुरादाबाद थाना बहजोई क्षेत्र गांव पमासा निवासी राजकुमार और दूसरा इस थाना क्षेत्र के गांव सिहोरी निवासी देशराज पुत्र नरेश पाल सिंह के रूप में हुई है।

पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया
पुलिस ने वन विभाग के कर्मचारियों की उपस्थिति में दोनों पर कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है। वहीं बंदरों को वन विभाग को सौंप दिया गया है। एक लंगूर के मिलते हैं 5000 रुपए। लंगूर की तस्करी में पकड़े गए दोनों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि लंगूर को नशीला पदार्थ लगा फल खिलाकर पकड़ते थे बाद में उन्हें नशीला इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर देते थे। बताया कि यह काम वह संभल जिले के पमासा गांव निवासी सरगना अर्जुन कंजड के लिए काम करते हैं। बताया लंगूर पड़कर उसके गांव तमाशा तक पहुंचाने थे इसके बाद में प्रति लंगूर ₹5000 मिलते हैं जिस समय पुलिस ने उन दोनों को पकड़ा सरगना अर्जुन कंजड भी अपने अन्य साथियों सहित दूसरी कर से साथ में था लेकिन वह भाग निकला। बंदरों की तस्करी का सरगना खोलेगा राज। लंगूरों का प्रयोग बंदरों को भगाने तंत्र मंत्र और उनके अंतह अंगों के अलावा दवाओं को टेस्ट करने के साथ ही उनकी खाल काफी महंगी कीमत में बिकती है पुलिस के अनुसार पकड़े गए आरोपियों ने यह नहीं बताया कि इन लंगूरों का वह किस उपयोग के लिए पकड़ कर देते थे पुलिस ने बताया है की जानकारी जताकर गृह तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। गिरोह का सरगना और उसके साथियों के पकड़े जाने के बाद ही इसकी जानकारी हो पाएगी।