यूजीसी-नेट पेपर लीक होना सरकार की सत्यनिष्ठा पर सवालिया निशान है: अखिलेश यादव

Edited By Ramkesh,Updated: 21 Jun, 2024 02:56 PM

ugc net paper leak is a question mark on the integrity of  akhilesh yadav

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले को लेकर कई सवाल उठाए हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूजीसी-नेट पेपर लीक मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ये आरोप बेहद गंभीर है कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर आयोजित करवाने वाली गुजरात की कंपनी का ही, पेपर लीक करवाने में हाथ है और उसका मालिक जब सफलतापूर्वक विदेश भाग गया, उसके बाद ही उप्र सरकार ने उसके बारे में जनता को बताया और जनता के गुस्से से बचने के लिए दिखाने भर के लिए उस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया।

 यूपी सरकार अपराधियों के साथ है या प्रदेश की जनता के साथ
उन्होंने कहा कि उप्र सरकार उस कंपनी और उसके मालिक के खिलाफ FIR की कॉपी सार्वजनिक करे। गुजरात भेजकर उसकी संपत्ति से खामियाजा वसूलने की हिम्मत दिखाए। ऐसे आपराधिक लोग उप्र के 60 लाख युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने के दोषी हैं। उप्र की भाजपा सरकार साबित करे कि वो इन अपराधियों के साथ है या प्रदेश की जनता के साथ।

मंत्री और अधिकारी की भी जांच हो
अखिलेश ने कहा कि उप्र में काम करने वाली हर कंपनी के इतिहास और उसकी सत्यनिष्ठा-गुणवत्ता की जांच की जाए। जब बेईमान और कलंकित कंपनियों को काम दिया जाए तो जनता को समझ लेना चाहिए कि इसमें काम देनेवाले उप्र सरकार के उस मंत्रालय और उसके विभाग के लोगों की भी हिस्सेदारी है मतलब ‘ये भ्रष्टाचार की साझेदारी’ है। इस परीक्षा के आयोजन से संबंधित कंपनी ही नहीं बल्कि हर एक संलिप्त मंत्री या अधिकारी की भी जांच हो और जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक उसे उसके काम से मुक्त रखा जाए और संलिप्तता सिद्ध होने पर बर्खास्त करके कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

उप्र में काम कर रही या काम करने की इच्छुक हर बाहरी कंपनी की गहन जांच हो
हम मांग करते हैं कि उप्र में काम कर रही या काम करने की इच्छुक हर बाहरी कंपनी की गहन जांच हो और सब कुछ सही पाये जाने पर ही काम दिया जाए। ऐसा नहीं करने पर जब काम गलत होता है तो उससे उप्र की छवि को ठेस पहुंचती है और प्रदेश के पैसों की बर्बादी भी होती है। इन सबका खामियाजा आखिर में आम जनता को ही भुगतना पड़ता है। साथ ही ये भी मांग है कि उप्र की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाए और केवल तभी बाहरी कंपनियों को काम दिया जाए जब यूपी के सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डों या स्थानीय कंपनियों के पास कार्य को समय की सीमा में गुणवत्तापूर्वक संपन्न कराने या उतने बड़े काम नहीं करने के अनुभव का अभाव हो।

यूपी के बुलडोजर को बाहर के राज्यों में जाने का लाइसेंस और साहस है क्या?
 उन्होंने कहा कि उप्र के आक्रोशित युवा पूछ रहे हैं कि यूपी के बुलडोजर के पास बाहर के राज्यों में जाने का लाइसेंस और साहस है क्या? और ये भी कि जिस मंत्रालय के तहत पुलिस भर्ती परीक्षा हुई थी उसके मंत्री और अधिकारियों की तरफ बुलडोजर मुड़ता भी है या नहीं। यूपी की जनता ये भी याद रखे कि ये वो ही भाजपा सरकार है, जो कल तक ठेके पर पुलिस रखने का फ़रमान निकाल रही थी. घोर निंदनीय! विभिन्न परीक्षाओं का पेपर लीक होना, सरकार की सत्यनिष्ठा पर सवालिया निशान है। 

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