Edited By Ramkesh,Updated: 03 Aug, 2022 04:50 PM
उत्तर प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अर्जी दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि उत्तर प्रदेश काडर के तीन आईएएस अधिकारी रेणुका कुमार (1987 बैच), जूथिका पाटणकर (1988 बैच) और विकास...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अर्जी दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि उत्तर प्रदेश काडर के तीन आईएएस अधिकारी रेणुका कुमार (1987 बैच), जूथिका पाटणकर (1988 बैच) और विकास गोठलवाल (2003 बैच) ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) मांगी है।
1990 के दशक की शुरुआत में उत्तर प्रदेश आईएएस एसोसिएशन के बैनर तले तीन सबसे भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान करने का अभियान चलाने वाली रेणुका कुमार प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में तैनात थीं और उन्हें पिछले महीने उत्तर प्रदेश वापस भेज दिया गया था। वह अगले साल 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाली थीं। इसके अलावा लंबे समय तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल की प्रमुख सचिव के पद पर रहीं पाटणकर का कार्यकाल 31 जनवरी 2024 तक है। गोठलवाल इस वक्त अध्ययन अवकाश पर ब्रिटेन में हैं। उन्होंने भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अर्जी दी है।
गोठलवाल की पत्नी अमृता सोनी भी उत्तर प्रदेश काडर की आईएएस अधिकारी हैं। इन अधिकारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अर्जी मुख्य सचिव तथा नियुक्ति विभाग के अन्य संबंधित अधिकारियों को भेज दी है। अधिकारियों के वीआरएस मांगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक पाटणकर ने निजी कारणों से वीआरएस मांगा है जबकि गोठलवाल ने स्वास्थ्य कारणों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है।