Edited By Pooja Gill,Updated: 08 Oct, 2024 03:14 PM
Mirzapur News: विंध्याचल नवरात्र मेला अब पूरे शबाब पर पहुंच चुका है। पूरा मेला क्षेत्र मां के जयकारे से गूंज रहा है। अब तक दस लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शनार्थी मां विंध्यवासिनी देवी के दर्शन कर चुके हैं...
Mirzapur News: विंध्याचल नवरात्र मेला अब पूरे शबाब पर पहुंच चुका है। पूरा मेला क्षेत्र मां के जयकारे से गूंज रहा है। अब तक दस लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शनार्थी मां विंध्यवासिनी देवी के दर्शन कर चुके हैं। नवरात्र मेले में दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ रही है। देश के विभिन्न इलाकों से आ रहे हैं।मेले में भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम किए गए हैं। इस बार मेला सुरक्षा व्यवस्था में एटीएस के जवान तैनात किए गए हैं।
देश के अन्य शक्ति पीठों में मां विंध्यवासिनी देवी की अलग मान्यता है
काशी प्रयाग दो तीर्थक्षेत्र के मध्य स्थित विंध्याचल सिद्धपीठ का महात्म्य हिन्दू धार्मिक ग्रन्थों में मिलता है। देश के अन्य शक्ति पीठों में मां विंध्यवासिनी देवी की अलग मान्यता है। भक्त विश्व प्रसिद्ध त्रिकोण यंत्र की परिक्रमा कर मां विंध्यवासिनी, मां काली और सरस्वती देवी के दर्शन पूजन कर रहे हैं। इस यंत्र के पूर्व कोण पर ऐश्वर्य की देवी लक्ष्मी रूप मे विराजमान हैं तो दक्षिण में शत्रु संघारिणी मां काली विराजमान हैं पश्चिम में ज्ञान की देवी योगमाया मां सरस्वती देवी निवास करती हैं। श्रद्धालु इस त्रिकोण यंत्र की परिक्रमा कर मां लक्ष्मी,काली और सरस्वती देवी के दर्शन पूजन करते हैं। 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले मेला क्षेत्र में इस अनूठा दृश्य है। भक्त प्रकृति हरितिमा के बीच विंध्य पर्वत और मां गंगा के सन्धि क्षेत्र में स्थित विंध्य क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी मां विंध्यवासिनी की अभ्यर्थना करने से पहले गंगा स्नान करते हैं।
24 घंटे खुला रहता है मां का कपाट
नवरात्रि में पूरा मेला क्षेत्र गुंजायमान है। यात्रियों की सुविधा एवं भीड़ नियंत्रित करने के उद्देश्य से मां के कपाट को चौबीसों घंटे खोल रखा गया है। दर्शनार्थी दिन रात लाइन में लगे हैं। जिला प्रशासन विकलांग दर्शनार्थियों के लिए निशुल्क वाहन एवं व्हील चेयर मुहैया करा रहा है।यह सुविधा त्रिकोण यंत्र परिक्रमा के लिए भी है।भारी भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चप्पे चप्पे पर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया हैं। नवरात्र मेला प्रभारी अपर जिलाधिकारी शिवप्रताप शुक्ल ने बताया कि मेले को दस जोन और इक्कीस सेक्टरों में बाटा गया है। पूरा मेला क्षेत्र सीसीटीवी कैमरे के निगरानी में हैं। ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जा रही है। गंगा नदी में घाटों की निगरानी और यातायात पर विशेष चौकसी बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु दर्शनार्थियों के मौलिक सुविधा उपलब्ध कराना प्रथम उद्देश्य है।