अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था ने सब कुछ बदला, पुरातनकाल में भारत शिक्षा के क्षेत्र में विश्वगुरू था: आनंद

Edited By Ramkesh,Updated: 13 Oct, 2020 06:17 PM

the main objective of this new education policy is to get cultural education

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बच्चों को रूचिकर और संस्कारी शिक्षा प्राप्त हो यही नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बच्चों को रूचिकर और संस्कारी शिक्षा प्राप्त हो यही नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है। श्रीमती पटेल आज राजभवन लखनऊ से ईश्वर शरण डिग्री कालेज, प्रयागराज के स्वर्ण जयन्ती समारोह को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि पुरातनकाल में भारत शिक्षा के क्षेत्र में विश्वगुरू था। उस समय विज्ञान, सामाजिक शिक्षा, नैतिक शिक्षा प्रमुख रूप से पढ़ाई जाती थी। लेकिन ब्रिटिशकाल में अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था ने सब कुछ बदल दिया। पुरानी शिक्षा व्यवस्था को नष्ट कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य ऐसे नागरिकों का निर्माण करना है जो भारत की परंपरा, विरासत, सांस्कृतिक मूल्यों एवं तकनीकी ज्ञान तथा कौशल विकास में समन्वय स्थापित करे। इसलिए इस नीति में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा की प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की संकल्पना समाज की आवश्यकता तथा विद्यार्थियों की रचनात्मक सोच, ताकिर्कता एवं नवाचार की भावना पर आधारित है।

राज्यपाल ने कहा कि बच्चों को रूचिकर और संस्कारी शिक्षा प्राप्त हो यही नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है। नई शिक्षा नीति की जो सोच है, उसकी झलक पाठ्यक्रमों में भी आनी चाहिए। बच्चों की बुनियादी शिक्षा उसकी मातृभाषा में दी जानी चाहिए, जिससे बच्चे आसानी एवं शीघ्रता से सीख सकें। आज के बच्चों का आई-क्यू बहुत अच्छा है और वह अभी से तरह-तरह के प्रश्न करने लगे हैं, जो पहले के बच्चे ऐसा सोच भी नहीं सकते थे। इसी के मद्देनजर अध्यापकों के दो साल के अन्तराल पर प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बच्चों में देश प्रेम, सेवा भाव, नैतिकता और सत्यता का बोध कराए।

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अकादमिक क्रेडिट बैंक की स्थापना से महिलाओं को सर्वाधिक लाभ होगा। उन्होंने कहा कि 12वीं तक की पढ़ाई कर कालेज पहुंचने वाली कई छात्राओं का विवाह हो जाता है, जिससे उनकी पढ़ाई छूट जाती। ऐसी बालिकाओं को इससे फायदा होगा कि वे फिर से आगे की पढ़ाई कर सकेंगी। इसके साथ ही मल्टीपल इन्ट्री एण्ड एक्जीट सिस्टम में अनेक विकल्पों वाले विषयों का प्रावधान भी महिलाओं के लिए अधिक उपयोगी होगा, जिससे उन्हें विभिन्न स्तरों पर सटिर्िफकेट, डिप्लोमा एवं डिग्री प्राप्त करने के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे। इसी प्रकार शिक्षा में बालिकाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जेन्डर समावेशी फण्ड की भी व्यवस्था की गई है।

 उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के पूरी तरह से क्रियान्वयन के बाद देश के शिक्षा जगत में दूरगामी सकारात्मक परिणाम परिलक्षित होंगे। इससे पहले राज्यपाल ने महाविद्यालय की गोल्डन जुबिली स्मारिका का विमोचन, प्रो. प्रमिला श्रीवास्तव परिसर का उद्घाटन एवं प्रतिमा का अनावरण तथा लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम च्अविरल' का उद्घाटन किया।  इस अवसर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजीव रंजन तिवारी, ईश्वर शरण महाविद्यालय के शासी निकाय के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.आनंद शंकर सिंह तथा अन्य शिक्षकगण ऑनलाइन जुड़े हुए थे। 

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