बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक- राजभर बोले- 'सरकार का इरादा घर गिराने का नहीं'

Edited By Ramkesh,Updated: 13 Nov, 2024 12:32 PM

supreme court put a stay on bulldozer action rajbhar

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दिया है। इसे लेकर अब सरकार और सत्ता पक्ष के लोगों का बयान भी आना शुरू हो गया है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने योगी का बचाव करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।...

लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दिया है। इसे लेकर अब सरकार और सत्ता पक्ष के लोगों का बयान भी आना शुरू हो गया है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने योगी का बचाव करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। ओम प्रकाश राजभर ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरा देश स्वागत करता है, सरकार भी करती है, विपक्ष भी करता है। सरकार का इरादा किसी का घर गिराने का नहीं है। अगर किसी अपराधी ने अवैध संपत्ति अर्जित की है और सरकारी जमीन पर घर बनाया है, तो उसे खाली कराया जाता है। सरकार कभी किसी की निजी जमीन पर बना मकान नहीं गिराती है।

घर सिर्फ इसलिए ध्वस्त कर दिया जाय कि आरोपी हैं, तो यह पूरी तरह असंवैधानिक होगा
आप को बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने हाल में चलन में आए ‘बुलडोजर न्याय' पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संपत्तियों को ध्वस्त करने के संबंध में बुधवार को अखिल भारतीय स्तर पर दिशानिर्देश जारी किये और कहा कि कार्यपालक अधिकारी न्यायाधीश नहीं बन सकते, आरोपी को दोषी करार नहीं दे सकते और उसका घर नहीं गिरा सकते। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि लोगों के घर सिर्फ इसलिए ध्वस्त कर दिए जाएं कि वे आरोपी या दोषी हैं, तो यह पूरी तरह असंवैधानिक होगा।

महिलाएं और बच्चे रात भर सड़कों पर रहें, यह अच्छी बात नहीं
न्यायमूर्ति गवई ने फैसला सुनाते हुए कहा कि महिलाएं और बच्चे रात भर सड़कों पर रहें, यह अच्छी बात नहीं है। पीठ ने निर्देश दिया कि कारण बताओ नोटिस दिए बिना कोई तोड़फोड़ नहीं की जाए और नोटिस जारी किए जाने के 15 दिनों के भीतर भी कोई तोड़फोड़ नहीं की जाए। पीठ ने निर्देश दिया कि ढहाने की कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराई जाए ।

देश में संपत्तियों को ढहाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिशा-निर्देश किए तय
पीठ ने यह स्पष्ट किया कि यदि सार्वजनिक भूमि पर अनधिकृत निर्माण हो या अदालत द्वारा विध्वंस का आदेश दिया गया हो तो वहां उसके निर्देश लागू नहीं होंगे। इसने कहा कि संविधान और आपराधिक कानून के आलोक में अभियुक्तों और दोषियों को कुछ अधिकार और सुरक्षा उपाय प्राप्त हैं। उच्चतम न्यायालय ने देश में संपत्तियों को ढहाने के लिए दिशा-निर्देश तय करने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर यह व्यवस्था दी।
 

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