बरेली में पार्टी के पर्यवेक्षकों ने की चुनाव परिणाम की समीक्षा, कहा-छुट्टा पशु और भीषण गर्मी ने छोटी कर दी भाजपा की जीत

Edited By Ajay kumar,Updated: 21 Jun, 2024 04:07 PM

stray animals and extreme heat reduced bjp s victory

बरेली सीट पर लोकसभा चुनाव में भाजपा को पिछली बार से कुछ वोट जरूर ज्यादा मिले लेकिन उसकी जीत का आकार रुपये में 20 पैसे बराबर ही रह गया। बुधवार को हाईकमान की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षक ने समीक्षा बैठक में पदाधिकारियों से फीडबैक लिया तो इसके लिए भीषण...

बरेली: बरेली सीट पर लोकसभा चुनाव में भाजपा को पिछली बार से कुछ वोट जरूर ज्यादा मिले लेकिन उसकी जीत का आकार रुपये में 20 पैसे बराबर ही रह गया। बुधवार को हाईकमान की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षक ने समीक्षा बैठक में पदाधिकारियों से फीडबैक लिया तो इसके लिए भीषण गर्मी और चुनावी मुद्दों के साथ पुराने कार्यकर्ताओं को सम्मान न मिलने जैसे कई कारण गिनाए गए।
 
PunjabKesari

पिछले चुनाव की तुलना में करीब 1.40 लाख वोट मिले ज्यादा
बरेली में पार्टी ने आठ बार सांसद रहे संतोष गंगवार का टिकट काटकर छत्रपाल गंगवार को मैदान में उतारा था। इस पर शुरू में अंदरखाने जमकर विरोध हुआ लेकिन बाद में उसे शांत कर लिया गया। छत्रपाल गंगवार ने चुनाव में 2019 की तुलना में कुछ वोट जरूर ज्यादा पाए लेकिन जीत का अंतर उसकी तुलना में करीब 20 फीसदी ही रह गया। अब भाजपा हाईकमान यह वजह तलाश करने की कोशिश कर रही है कि विपक्ष के उम्मीदवार को पिछले चुनाव की तुलना में करीब 1.40 लाख वोट कैसे ज्यादा मिले। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इसकी समीक्षा के लिए कानपुर- बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल सिंह और पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय महामंत्री हरिओम शर्मा को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था जिन्होंने बृहस्पतिवार को सिविल लाइंस भाजपा कार्यालय में बैठक की। दोनों वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ करीब दो घंटे चली इस बैठक में बरेली के संगठन से जुड़े पदाधिकारियों के साथ मंडल, बूथ अध्यक्ष, महानगर की टीम और युवा मोर्चा के पदाधिकारी शामिल थे। 

PunjabKesari

भाजपा की छोटी जीत के लिए भीषण गर्मी को बताया कारण 
पार्टी सूत्रों के मुताबिक कई पदाधिकारियों ने भाजपा की छोटी जीत के लिए भीषण गर्मी को कारण बताते हुए कहा कि इस बार मतदाता घरों से कम निकले। छुट्टा पशुओं को लेकर लोगों में नाराजगी थी, जिसकी वजह से काफी वोटर पार्टी से छिटक गए। संगठन के पुराने कार्यकर्ताओं को सम्मान न मिलने की बात भी रखी गई। आयुष्मान योजना में सरकार की ओर से किए गए बदलाव को भी वजह बताया गया। कहा गया कि न्यूनतम छह सदस्यों वाले परिवार को ही योजना का लाभ मिलने की शर्त से लोगों में नाराजगी रही। कई लोगों ने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधि भी कार्यकर्ताओं की नहीं सुनते हैं।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!