UP Legislature Session: आजम खां के खिलाफ दर्ज मुकदमों को लेकर वेल में आए सपाई, जमकर हुई नारेबाजी

Edited By Imran,Updated: 21 Sep, 2022 02:32 PM

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उत्तर प्रदेश में विधानसभा में मानसून सत्र का आज तीसरा दिन चल रहा है। इस दौरान सपा नेता आजम खां के खिलाफ दर्ज मुकदमों के मामले को लेकर सपा नेता विधान परिषद के वेल में आ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा में मानसून सत्र का आज तीसरा दिन चल रहा है। इस दौरान सपा नेता आजम खां के खिलाफ दर्ज मुकदमों के मामले को लेकर सपा नेता विधान परिषद के वेल में आ गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सपाइयों का कहना था कि भाजपा आजम खां का उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने सभी मुकदमे वापस लेने की मांग की। विधानमंडल सत्र के तीसरे दिन की कार्रवाई के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने विधायकों के साथ सदन पहुंचे।

बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी के वरीष्ठ नेता एवं विधायक आजम खान पर आए दिन हो रहे नए मुद्दों को लेकर बहुत डरे हुए हैं। वहीं, उन्होंने अपने इस डर के चलते विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन यानी आज विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के सामने कहा कि उन्हें इस बात का डर है कि कहीं आजम खान की यूनिवर्सिटी से कोई बम या फिर AK-47  राइफल न बरामद कर ली जाए।

विधानसभा अध्यक्ष के सामने जाहिर किया अखिलेश ने अपना डर
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश से सदन में कहा कि ‘सदन के बहुत ही वरिष्ठ नेता आजम खान साहब की यूनिवर्सिटी को घेर लिया और ये पहली बार नहीं घेरा गया है। अध्यक्ष महोदय, लगातार घेर रहे हैं और इस बार तो तैयारी ये है कि कहीं कुछ ऐसा न हो जाये जैसे एक बम रख दिया या फिर AK-47 रख दी। हो सकता है कि आज़म खान साहब के यहां ये सब झूठी चीजें रख दी जायें और मुकदमा दर्ज कर लिया जाये। अध्यक्ष महोदय, चाहता हूं कि इस पर कम से कम कुछ हो जाये।’

सपा प्रमुख ने दो पुराने मामलों के आधार पर सरकार पर लगाए आरोप
दरअसल अखिलेश यादव मॉनसून सत्र के दूसरे दिन यानी कल सदन में प्रतापगढ़ के उस छात्र का मामला उठाया था, जिसने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के काफिले को काला झंडा दिखाने की हिम्मत की थी। जिसके बाद उस छात्र के गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था, लेकिन इसके बाद ही उसके घर से पांच देसी बम भी बरामद किये गये थे। वहीं, भदोही के ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्रा के ठिकाने से AK-47 राइफल और कारतूस बरामद किये गये थे। इन्हीं दोनों मामलों को आधार बनाकर अखिलेश सरकार पर आरोप लगा रहे थे कि कहीं सरकार आजम खान को फसाने के लिए उनकी यूनिवर्सिटी से बम या फिर रायफल न बरामद करवा दे।

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