Edited By Purnima Singh,Updated: 03 Jan, 2025 06:27 PM
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से एक बेहद अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक बेटे ने अपने पिता के निधन के बाद उन्हें ढोल- नगाड़े पर नाचते हुए अंतिम विदाई दी। यकीन नहीं हो रहा न, लेकिन ये सच है। युवक के इस अंदाज को देखकर लोग पूरा गांव हैरत में पड़...
सुल्तानपुर : उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से एक बेहद अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक बेटे ने अपने पिता के निधन के बाद उन्हें ढोल- नगाड़े पर नाचते हुए अंतिम विदाई दी। यकीन नहीं हो रहा न, लेकिन ये सच है। युवक के इस अंदाज को देखकर लोग पूरा गांव हैरत में पड़ गया। अंतिम यात्रा में शामिल लोग भी उसे देखते रह गए। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। लोग इसपर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
जानें पूरा मामला
पूरा मामला नगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत नारायणपुर इलाके का है। इलाके के दुर्गापुर मोहल्ला निवासी श्रीराम के पिता राम किशोर मिश्रा का निधन 20 दिन पहले हुआ था। राम किशोर ने 80 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद उनकी अंतिम यात्रा में बेटे श्रीराम ने जमकर ढोल- नगाड़े बजवाये और जश्न मनाया। इसके बाद अंतिम संस्कार शहर के हथिया नाला स्थित श्मशान घाट पर किया गया।
पिता की अंतिम यात्रा में बेटे का जश्न
तकरीबन 20 दिन पुरानी इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे बेटा अपने पिता की मौत पर साथियों संग शव यात्रा में नाच रहा है। वहीं, शव को जब बाजार से होते हुए श्मशान घाट की तरफ लाया जा रहा है तो उसमें ढोल- नगाड़े बज रहे हैं। इतना ही नहीं बेटा पिता के शव पर नोटों की गड्डियां भी लुटाता नजर आ रहा है। बता दें कि श्रीराम ने पिता के अंतिम संस्कार के भोज (तेरहवीं) में भी बैंड बाजे के साथ लोगों को भोजन करावाया। परिवार और घरवाले भी इस मौके पर जश्न मानते और डीजे पर नाचते गाते नजर आए।
बेटे ने दिया ये तर्क
पिता की ऐसी विदाई पर बेटे श्रीराम तर्क देते हुए कहा कि अंतिम विदाई रो-गाकर करनी ही नहीं चाहिए। रोने से जाने वाले की आत्मा को तकलीफ होती है। मृत्यु भी जीवन का एक उत्सव है और उसे इसी तरह मनाया जाना चाहिए। श्रीराम के मुताबिक किसी इंसान का अपनी सभी जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद इतनी आयु में जाना अच्छा ही माना जाता है।