श्रावण मास प्रारंभ: सावन में क्यों चढ़ाया जाता है शिवलिंग पर जल? जानें पौराणिक रहस्य

Edited By Ramkesh,Updated: 13 Jul, 2025 02:57 PM

shravan month begins why is water offered on shivling in sawan

हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास, जिसे आमतौर पर सावन कहा जाता है, भगवान शिव की उपासना का सबसे पावन महीना माना जाता है। इस वर्ष 14 जुलाई 2025 से सावन की शुरुआत हो रही है और इसी दिन पहला सावन सोमवार भी पड़ रहा है। कुल चार सोमवार इस मास में आएंगे, जो...

प्रयागराज: हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास, जिसे आमतौर पर सावन कहा जाता है, भगवान शिव की उपासना का सबसे पावन महीना माना जाता है। इस वर्ष 14 जुलाई 2025 से सावन की शुरुआत हो रही है और इसी दिन पहला सावन सोमवार भी पड़ रहा है। कुल चार सोमवार इस मास में आएंगे, जो शिवभक्तों के लिए अ​त्यंत शुभ माने जाते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस महीने में सोमवार व्रत और विधिपूर्वक शिव पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जीवन में सुख-शांति आती है और समृद्धि का वास होता है।

पौराणिक मान्यताओं में छिपा है सावन का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में धारण किया था, जिससे उनकी देह में जलन उत्पन्न हुई। इसे शांत करने के लिए देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। इस घटना की स्मृति में आज भी सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। दूसरी मान्यता के अनुसार, देवी पार्वती ने सावन मास में ही कठोर तप कर शिवजी को पति रूप में प्राप्त किया था। इसीलिए कुंवारी कन्याएं इस मास में सोमवार व्रत रखती हैं और विवाहित स्त्रियां पति की लंबी उम्र के लिए उपवास करती हैं।

पूजा-विधि और उपाय: पंडित सूर्यकांत शास्त्री की सलाह
बरनाला के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित सूर्यकांत शास्त्री ने बताया कि सावन मास में "रुद्राभिषेक", "रुद्राष्टक", "शिव तांडव स्तोत्र", "महा मृत्युंजय मंत्र" और "शिव चालीसा" का पाठ विशेष फलदायी होता है। इन उपायों से नकारात्मक ग्रह दोष जैसे कालसर्प योग, पितृ दोष और शनि के प्रभाव भी शांत होते हैं। उन्होंने बताया कि सावन सोमवार की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और स्वच्छ वस्त्र धारण कर प्रारंभ करनी चाहिए। शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, पंचामृत, बेलपत्र और भांग अर्पित कर 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।

युवाओं को संयम और सकारात्मकता की ओर ले जाता है सावन
पंडित शास्त्री का कहना है कि सावन व्रत युवाओं को आत्मिक उन्नति, अनुशासन और नशा-मुक्त जीवन की प्रेरणा देता है। शिव की उपासना से नकारात्मकता दूर होती है और व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

सावन सोमवार 2025 की तिथियां
पहला सोमवार: 14 जुलाई 2025

दूसरा सोमवार: 21 जुलाई 2025

तीसरा सोमवार: 28 जुलाई 2025

चौथा सोमवार: 4 अगस्त 2025

सावन का सार: श्रद्धा, भक्ति और आत्मिक उत्थान
श्रावण मास केवल एक धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं, बल्कि आत्मिक चेतना और ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने का अवसर है। श्रद्धा के साथ शिव की उपासना करने से जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं और आत्मा को शांति प्राप्त होती है।


 

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