Edited By Purnima Singh,Updated: 04 Jan, 2025 05:34 PM
उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षामित्रों के लिए योगी सरकार नए साल में बड़ा तोहफा लेकर आई है। शिक्षामित्र अब आठ साल बाद अपने मूल स्कूल वापस लौट सकेंगे। अगर वहां पद खाली नहीं होगें तो नजदीकी स्कूल को चुनने का भी विकल्प उनके पास है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षामित्रों के लिए योगी सरकार नए साल में बड़ा तोहफा लेकर आई है। शिक्षामित्र अब आठ साल बाद अपने मूल स्कूल वापस लौट सकेंगे। अगर वहां पद खाली नहीं होगें तो नजदीकी स्कूल को चुनने का भी विकल्प उनके पास है। नवविवाहिताओं के लिए भी बड़ी खुशी की बात है क्योंकि महिला शिक्षामित्र अपनी ससुराल के नजदीकी स्कूल में अपना ट्रांस्फर करवा सकेंगी। जिसे लेकर प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। ऑनलाइन माध्यम से होने वाले इन तबादलों के लिए नीति जारी कर दी गई है।
सपा सरकार में 1.37 लाख शिक्षामित्रों को बनाया गया था शिक्षक
गौरतलब हो कि समाजवादी पार्टी की सरकार में प्रदेश के करीब 1 लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाया गया था। शिक्षक बनने पर उन्होंने खुशी-खुशी दूर-दराज के स्कूलों में जाना स्वीकार किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उनका बतौर शिक्षक किया गया समायोजन रद्द कर दिया गया था। जिसके चलते वह दोबारा से शिक्षामित्र बन गए।
35 हजार शिक्षामित्रों को राहत
बता दें कि साल 2018 में सरकार ने शिक्षामित्रों को अपने मूल विद्यालय में आने का मौका दिया था। तब करीब एक लाख शिक्षामित्र वापस आ गए थे, लेकिन करीब 35 हजार शिक्षामित्र कोर्ट और शासन से शिक्षक बनने की लड़ाई लड़ने के चलते अपने मूल विद्यालय में नहीं आ पाए थे। अब सरकार ने बचे हुए शिक्षामित्रों को एक मौका और दे दिया है।
ट्रांसफर के नियम
जारी आदेश के अनुसार, पुरुष और अविवाहित शिक्षामित्रों को कई विकल्प दिए गए हैं। शिक्षामित्र अपने वर्तमान विद्यालय में रह सकते हैं। मूल विद्यालय में वापसी भी कर सकते हैं। यदि मूल विद्यालय में पद खाली न हो तो संबंधित ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, या वार्ड में स्थित किसी अन्य विद्यालय में खाली शिक्षामित्र पद पर तैनाती ले सकते हैं। वहीं महिला शिक्षामित्रों को विशेष लाभ दिए गए हैं। महिला शिक्षामित्र वर्तमान विद्यालय में रह सकती हैं। मूल विद्यालय में ट्रांस्फर करवा सकती हैं। विवाहित महिलाएं पति के गृह जिले के ग्राम सभा, पंचायत, या वार्ड में स्थित किसी परिषदीय विद्यालय में खाली शिक्षामित्र पद पर तैनाती ले सकती हैं।
शिक्षामित्रों ने जताई खुशी
इस आदेश से शिक्षामित्रों में खुशी लहर दौड़ गई है। वे इसे अपनी मांगों की पूर्ति की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं। शिक्षामित्रों ने इसके लिए सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। प्रदेश सरकार का यह निर्णय न केवल शिक्षामित्रों के कामकाज को सरल बनाएगा, बल्कि उनके पारिवारिक जीवन को भी संतुलित करने में मददगार साबित होगा।