मां की लाश को देख बेसुध हुआ बेटा, हाथ से गिरे पैसे...वापसी के लिए स्टाफ के सामने गिड़गिड़ाता रहा

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 11 Jan, 2023 03:32 PM

seeing the dead body of the mother the son became unconscious

कभी-कभी रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसे में वाक्य हो जाते हैं, जो बेहद भावुक कर जाते हैं। ऐसा ही कुछ यूपी के कानपुर के कांशीराम अस्पताल में देखने को मिला है। जहां एक युवक अपनी मृत को देखकर बदहवास हो गया...

कानपुर: कभी-कभी रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसे में वाक्य हो जाते हैं, जो बेहद भावुक कर जाते हैं। ऐसा ही कुछ यूपी के कानपुर के कांशीराम अस्पताल में देखने को मिला है। जहां एक युवक अपनी मृत को देखकर बदहवास हो गया। ऐसे में उसके हाथ में पकड़े हुए पैसे अस्पताल के काउंटर पर ही छूट गए। जब उसे होश आया तो वह अस्पताल स्टाफ के आगे रो-रोकर गिड़गिड़ाता रहा कि वह पैसे उसके हैं, लेकिन किसी ने उसकी बात पर यकीन नहीं किया। युवक बोलता रहा कि सर, वो मेरी मां के अंतिम संस्कार के रुपए हैं...मुझे लौटा दीजिये मैं सच बोल रहा हूं...। एक बेटे की मां के अंतिम संस्कार के लिए की गई जद्दोजहद को जिसने भी देखा वह व्यवस्था को कोसता रहा और बेटे पर तरस खाता रहा। हालांकि बाद में हकीकत जानने पर युवक को पैसे लौटा दिए गए।
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जानिए क्या है मामला? 
दरअसल, मान्यवर कांशीराम अस्पताल में मंगलवार सुबह 11:30 बजे चकेरी के टटिया झनाका निवासी पेंटर आकाश मां विजमा (45) को भर्ती कराने आया था। पथरी के इलाज के बावजूद विजमा की तबीयत बिगड़ी और उनका देहांत हो गया। वह काउंटर पर पर्चा बनवाकर लौटा ही था कि गाड़ी में मां की लाश देख बेसुध हो गया। तभी उसे पता चला कि जेब में रखे 13 हजार रुपए काउंटर पर ही गिर गए हैं। इधर काउंटर के पास पन्नी में लिपटे रुपये पड़े देख जाजमऊ निवासी जीनत ने उसे उठाकर स्टाफ को दे दिए। स्टाफ ने सीएमएस डॉ. स्वदेश गुप्ता को सौंपा।
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पैसे वापसी के लिए गिड़गिड़ाता रहा आकाश 
होश आने पर आकाश पैसे वापसी के लिए अस्पताल काउंटर पर पहुंचा तो किसी को यकीन हुआ कि वह पैसे उसके है। ऐसे में आकाश पैसे वापसी के लिए गिड़गिड़ाने लगा। सीएमएस ने रुपये चकेरी थाने भिजवा दिए। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे गांधीधाम वार्ड के पार्षद पति व पूर्व पार्षद मनोज यादव ने पुलिस से वार्ता कर आकाश के रुपये लौटाए। इस दौरान पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई। दोपहर करीब डेढ़ बजे उसे रुपये मिल सके। 
इसके बाद उसने अपनी मां का अंतिम संस्कार किया।
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मां का शव देख बेसुध हो गया था आकाश
आकाश ने बताया कि पिता ड्राइवर हैं वह मां का शव देख बेसुध हो गए थे। उसकी पांच बहनें हैं। यदि रुपये नहीं मिलते तो मां का अंतिम संस्कार कैसे करता। वहीं उसका आरोप है कि इमरजेंसी जब वह पहुंचा था तो कोई डॉक्टर नहीं था।
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क्या कहते हैं सीएमएस? 
सीएमएस डॉ स्वदेश गुप्ता ने बताया कि एक महिला को काउंटर पर रुपये प्राप्त हुए थे, जिसे एक कर्मचारी के माध्यम से पार्षद पति मनोज यादव के सामने पुलिस से दिलवाए गए हैं।

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