Edited By Pooja Gill,Updated: 30 Jun, 2023 03:31 PM

UP News: देशभर में गुरुवार को लोगों ने बकरीद का त्योहार मनाया। मुस्लिमों के इस त्योहार को ईद उल अजहा भी कहते हैं। इस त्योहार को कुर्बानी के साथ जोड़ा जाता है और बकरों की कुर्बानी दी जाती है। उत्तर प्रदेश में बकरीद पर बकरों को लेकर जगह-जगह से नई...
UP News: देशभर में गुरुवार को लोगों ने बकरीद का त्योहार मनाया। मुस्लिमों के इस त्योहार को ईद उल अजहा भी कहते हैं। इस त्योहार को कुर्बानी के साथ जोड़ा जाता है और बकरों की कुर्बानी दी जाती है। उत्तर प्रदेश में बकरीद पर बकरों को लेकर जगह-जगह से नई तस्वीरें आ रही है। ये तस्वीरें बकरों की कुर्बानी से जुड़ी हुई हैं। वहीं इनमें एक तस्वीर बागपत जनपद के अमीनगर सराय कस्बे से भी सामने आयी है। जैन समाज के लोगों ने बाजार में बिक्री को आये 250 बकरे खरीदकर 'बकराशाला' में संरक्षित कर लिया है ताकि इन सभी की जान बचाई जा सके।

बता दें कि अमीनगर सराय कस्बे में जैन समाज के लोगों द्वारा जीव दया संस्थान की 2016 में स्थापना की थी। इस संस्थान को खोलने का उद्देश्य बेजुबान जीवों की रक्षा करना था। खासतौर पर बकरीद पर कुर्बानी दिए जाने वाले बकरों को बचाना। जैन समाज के लोग भगवान महावीर स्वामी के संदेश 'जियो और जीने दो' की प्रेरणा से इस बकरशाला मे 450 बकरे मौजूद हैं। बकरीद से एक दिन पहले जिन 250 बकरों को जगह-जगह कुर्बानी के लिए बिक्री को रखा गया था, उन्हें महंगे दामों में खरीदकर न केवल इनकी जान ही नहीं बचाई बल्कि उन्हें 'बकरशाला' में संरक्षित किया। इन सभी के गले में लाल धागे भी कुर्बानी देने वालों ने बांधे हुए थे।
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बेजुबान जीवों की रक्षा के लिए बनाई संस्था
5000 वर्ग फीट में नवनिर्मित बकरशाला में बकरों के खाने-पीने, रहने समेत चिकित्सकों की भी बेहतर व्यवस्था की हुई है। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। संस्थान से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तर भारत में यह पहली और इकलौती बकराशाला हैं। इसका उद्देश्य केवल बेजुबान जीवों की रक्षा करना है। आने वाले दिनों में पक्षियों के लिए भी 45 मंजिला ऊंचा टावर बनाया जाएगा। जिसमे पक्षी अपना निवास बनाकर रह सकेंगे।