संत कबीर नगरः सपा-भाजपा प्रत्याशी की सीधी टक्कर के बीच बसपा ने खेला मुस्लिम-दलित का दांव, त्रिकोणीय संघर्ष के आसार

Edited By Ajay kumar,Updated: 23 May, 2024 05:55 PM

sant kabir nagar direct contest between sp and bjp candidates

बस्ती मंडल का संत कबीर नगर जिला देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल है। जिले का मुख्यालय खलीलाबाद में है, लेकिन संत कबीर की महापरिनिर्वाण स्थली 'मगहर' स्थित होने के कारण जिले को संत कबीर नगर नाम दिया गया है।

लखनऊः  बस्ती मंडल का संत कबीर नगर जिला देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल है। जिले का मुख्यालय खलीलाबाद में है, लेकिन संत कबीर की महापरिनिर्वाण स्थली 'मगहर' स्थित होने के कारण जिले को संत कबीर नगर नाम दिया गया है। परिसीमन के बाद 2008 में संत कबीर नगर को लोकसभा सीट का दर्जा मिला था। भाजपा ने यहां सांसद प्रवीण कुमार निषाद पर दूसरी बार दांव लगाया है। अगर वह जीतते हैं तो उनकी यह तीसरी जीत होगी। प्रवीण योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद के पुत्र हैं। सपा ने उनका मुकाबला करने के लिए पूर्व राज्य मंत्री लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद को उतारा है, जबकि बसपा ने दो बार प्रत्याशी बदलने के बाद नदीम अशरफ पर दांव लगाकर मुस्लिम-दलित गठजोड़ बनाने की कोशिश की है। इसके चलते यहां इस बार लड़ाई त्रिकोणीय होने के आसार जताए जा रहे हैं।

उद्योग-धंधे बंद होना बड़ा मुद्दा, जोर जातीय गोलबंदी पर
संत कबीर नगर का खलीलाबाद कभी औद्योगिक और बुनकरों की नगरी था। यह जिला तो बन गया लेकिन इसका विकास गोरखपुर और बस्ती के बीच अटका हुआ है। हालांकि चुनाव में विकास बड़ा मुद्दा नहीं है। जातीय समीकरण सेट करने पर प्रत्याशियों का जोर है। संत कबीर नगर में मुस्लिम मतदाता पांच लाख, ब्राहमण करीब ढाई लाख, क्षत्रिय लगभग दो लाख और दलित मतदाता करीब साढ़े चार लाख, निषाद मतदाता डेढ़ लाख से ज्यादा और यादव मतदाता सवा लाख तथा इतने ही कुर्मी मतदाता गिने जाते हैं।

BSP changed its candidate in Sant Kabir Nagar | बसपा ने संतकबीरनगर में बदला  अपना प्रत्याशी: सैयद दानिश का टिकट काटा, उनके बड़े भाई नदीम अशरफ को बनाया  उम्मीदवार ...1

पिछली बार हुआ था कांटे का मुकाबला
साल 2019 के चुनाव में संत कबीर नगर में कांटे का संघर्ष हुआ था। भाजपा के प्रवीण निषाद जीते थे। उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन से उतरे बसपा प्रत्याशी भीष्म शंकर तिवारी को हराया था। प्रवीण निषाद को 4,67,543 और भीष्म शंकर तिवारी को 4,31,794 वोट मिले थे। कांग्रेस के भाल चन्द्र यादव ने 1,28,506 वोट पाए थे। इससे पहले 2014 के चुनाव में भाजपा के शरद त्रिपाठी जीते थे। उन्होंने 97 हजार मतों के अंतर से बसपा के भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी को हराया था। संत कबीर नगर सीट अस्तित्व में आने के बाद 2009 में हुए पहले चुनाव में बसपा से भीष्म शंकर तिवारी जीत हासिल कर पहले सांसद बने थे।

मोदी की रैली से बस्ती मंडल की तीनों सीटों पर बदला माहौल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बस्ती पहुंचकर जनता को राम-राम करते हुए पूर्वांचल से अपना खास रिश्ता जोड़ा। उन्होंने बस्ती मंडल में विकास की त्रिवेणी बहाने के लिए बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी, डुमरियागंज के सांसद जगदम्बिका पाल और संत कबीर नगर के सांसद प्रवीण निषाद को फिर से लोकसभा में पहुंचाने की हुंकार भरी। माना जा रहा है कि प्रधान मंत्री मोदी की रैली के बाद बस्ती मंडल में चुनावी माहौल थोड़ा बदल गया है।

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