Sambhal Violence: संभल हिंसा में विदेशी फंडिंग का शक, नाली से पाकिस्तान और अमेरिका के कारतूस बरामद

Edited By Anil Kapoor,Updated: 04 Dec, 2024 09:38 AM

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Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को हुई हिंसा में पाकिस्तान और अमेरिका के कारतूस मिलने के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियों को विदेशी साजिश का शक हो गया है। पुलिस की फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से 6 कारतूसों के खोखे बरामद किए,...

Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को हुई हिंसा में पाकिस्तान और अमेरिका के कारतूस मिलने के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियों को विदेशी साजिश का शक हो गया है। पुलिस की फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से 6 कारतूसों के खोखे बरामद किए, जिनमें से एक पर "पीओएफ" (पाकिस्तान आर्डिनेंस फैक्ट्री) लिखा हुआ था, जो पाकिस्तान से जुड़े कारतूस का संकेत है। इन कारतूसों में से एक नाइन एमएम था, जबकि एक अन्य .32 बोर के कारतूस पर "मेड इन यूएसए" लिखा हुआ था, जिसे अमेरिका का माना जा रहा है। इसके अलावा, 3 देसी कारतूस भी मिले हैं।

पुलिस की जांच में सामने आ रहे हैं नए पहलू
पुलिस ने घटनास्थल से मिले कारतूसों की जांच शुरू कर दी है और यह भी आशंका जताई जा रही है कि हिंसा के पीछे एक सुनियोजित साजिश हो सकती है। पुलिस ने विदेशी फंडिंग के एंगल से भी जांच शुरू कर दी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या हिंसा के लिए बाहर से कोई मदद की गई थी। फोरेंसिक टीम ने मस्जिद के पास नालियों और झाड़ियों में जांच की, जहां से 6 कारतूस के खोखे मिले। 3 कारतूस विदेशी हैं, जबकि अन्य देसी कारतूस बताए जा रहे हैं।

एसपी ने किया घटनास्थल का मुआयना
पुलिस को मिले पाकिस्तानी और अमेरिकी कारतूसों की जानकारी मिलने के बाद, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने घटनास्थल का मुआयना किया। उन्होंने बताया कि जामा मस्जिद के पास से 6 खोखे मिले हैं, जिनमें एक पाकिस्तान और एक अमेरिका के कारतूस हैं। तीसरे कारतूस की जांच की जा रही है। एसपी ने कहा कि यह स्पष्ट हो रहा है कि 24 नवंबर को हुई हिंसा में विदेशी हाथ हो सकते हैं, और पुलिस इसकी तह तक जाने के लिए पूरी जांच कर रही है।

वीडियोग्राफी के दौरान हुई थी हिंसा
बीते 24 नवंबर को हिंसा की शुरुआत उस दिन हुई थी जब संभल की जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का वाद कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट के आदेश पर उस दिन मस्जिद की वीडियोग्राफी कराई गई थी। इसके बाद, वीडियोग्राफी के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हो गए। इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जबकि मृतकों के परिवारों ने भी अलग से प्राथमिकी दर्ज कराई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एक न्यायिक आयोग का गठन किया गया है।

पुलिस ने की मामले की जांच तेज
पुलिस अब इस हिंसा के मामले में विदेश से जुड़ी साजिश की जांच कर रही है। इसके साथ ही, मोबाइल नेटवर्क और इलाके में आने-जाने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि हिंसा को अंजाम देने के लिए कौन लोग यहां आए थे और उन्हें किसने बुलाया था। पुलिस का मानना है कि यह हिंसा एक सुनियोजित साजिश के तहत हुई है और इसमें विदेशी तत्व शामिल हो सकते हैं। वहीं इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों से जांच की उम्मीद जताई जा रही है, और पुलिस हर पहलू पर गंभीरता से जांच कर रही है।

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