Sambhal Violence: सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा, कुल 7 मुकदमों में 25 लोग गिरफ्तार

Edited By Anil Kapoor,Updated: 26 Nov, 2024 08:10 AM

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Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के क्षेत्रीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल सदर सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस...

Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के क्षेत्रीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल सदर सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में अब तक कुल 7 मुकदमे दर्ज करके 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी। संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि हिंसा में घायल हुए दारोगा दीपक राठी ने 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है जिनमें बर्क और इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद किया गया है। उन्होंने बताया  कि मुकदमे में इनपर आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने भीड़ को भड़काकर दंगे का रूप दिया।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बर्क को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 168 के तहत कोतवाली थाना पुलिस द्वारा पहले नोटिस दिया गया था। उन्होंने पहले भी भड़काऊ भाषण दिए थे। उनसे कहा गया था कि आप इस तरह के भाषण न दें लेकिन उन्होंने उसके बाद भी भीड़ को उकसाने के लिए और 'जामा मस्जिद की हिफाजत' बयान के साथ लोगों को उकसाने करने का प्रयास किया। इसी का नतीजा था कि कल एकाएक 8 बजकर 45 मिनट पर लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने इस तरह की घटना को अंजाम दिया। इस सवाल पर कि बर्क रविवार को हिंसा के वक्त तो बेंगलुरु में थे, ऐसे में क्या हिंसा में उनका नाम आया है या पूर्व में दिए गए बयान पर उनके खिलाफ मुकदमा हुआ है, विश्नोई ने कहा,  कि किसी व्यक्ति का किसी भी जगह पर होने से कोई उद्देश्य नहीं होता। उनके द्वारा दिए गए पहले के जो बयान थे, उसी आधार पर बीएनएसएस की धारा 168 का नोटिस तामील कराया गया। उनके पिता ममलूकुर रहमान बर्क को 10 लाख रुपए के मचलके से पाबंद भी कराया गया था। इस तरीके के लोगों के द्वारा बार-बार समय-समय पर बयानबाजी की जा रही थी और लोगों को भड़काया जा रहा था।

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संभल हिंसा मामले में 6 नामजद और 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया
विश्नोई ने बताया कि पुलिस ने संभल हिंसा मामले में अब तक कुल 7 मुकदमे दर्ज किए हैं जिनमें 6 नामजद और 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा पांच मुकदमे कोतवाली थाने में और दो नखासा थाने में दर्ज कराए गए हैं। उनका कहना था कि ये मुकदमे दारोगा शाह फैसल, उपनिरीक्षक दीपक राठी, उपजिलाधिकारी रमेश बाबू, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार, पुलिस अधीक्षक के जनसम्पर्क अधिकारी और संजीव कुमार नामक एक व्यक्ति ने दर्ज कराये हैं। विश्नोई ने बताया कि वारदात की सीसीटीवी तथा अन्य वीडियो फुटेज का अध्ययन कर दंगाइयों की पहचान की जा रही है तथा दंगाइयों के बारे में सूचना देने वालों को इनाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल 22 लोग कोतवाली थानाक्षेत्र से और तीन नखासा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किये गये हैं तथा नखासा थानाक्षेत्र के गिरफ्तार किये गये तीन लोगों को विधिक कार्रवाई के तहत जेल भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ड्रोन कैमरे से मिली फुटेज का अध्ययन कर लिया गया है तथा उनमें दिख रहे लोगों की तस्वीरें बनवाई जा रही है। उनके अनुसार बलवाइयों की पहचान के लिये इन तस्वीरों को प्रसारित किया जाएगा।

हिंसा में मारे गए युवकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट संबंधी सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह विवेचना का सवाल है, अभी वह इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। हालांकि मुरादाबाद के मंडल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने मुरादाबाद में संवाददाताओं से कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रथम दृष्ट्या देशी बंदूक से चलायी गयी गोली लगने की बात सामने आयी है। उन्होंने कहा कि पथराव करके जामा मस्जिद को क्षति पहुंचाने वालों को भी चिह्नित किया जाएगा। उनका कहना था कि मुंह पर कपड़ा लपेटकर आने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी तथा अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

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पत्रकार वार्ता में जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि संभल में रविवार दोपहर बाद से शांति व्याप्त है। जनजीवन सामान्य है। साप्ताहिक बंदी के बावजूद आज लोगों ने अपनी दुकानें खोलीं। स्थिति पूरी तरह सामान्य है। रात को गश्त की गयी। किसी तरह की कोई समस्या नहीं है।'' उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को सर्वेक्षण शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ था एवं जुमे की नमाज भी शांतिपूर्ण ढंग से हुई थी। उन्होंने कहा कि कल जब यह ऐलान हुआ कि सर्वेक्षण हो गया है तो उसके बाद अचानक पथराव शुरू हुआ। पेंसिया ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि रातोंरात योजना बनायी गयी। जांच से इसका खुलासा हो सकेगा। भीड़ ने अपने ही लोगों पर पथराव किया और गोलियां चलायीं। इससे लगता है कि उनमें आपस में भी कुछ रहा हो।'' संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किये जा रहे सर्वेक्षणक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे। इस दौरान तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी। इस हिंसा, गोलीबारी और पथराव में उप जिलाधिकारी रमेश चंद्र समेत कुल 20 लोग जख्मी हुए । हिंसा के बाद व्याप्त तनाव को देखते हुए संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं तथा 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल सोमवार को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।

वहीं मृतकों के शवों के पॉटमार्टम रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर मुरादाबाद मंडल के आयुक्त औंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि मौत का कारण देशी हथियारों से की गई गोलीबारी है। लेकिन उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया। सिंह ने  एक न्यूज एजेंसी को बताया कि इस समय, स्थिति सामान्य हो गई है। ऐसी कोई भी बात कहना जो तथ्यात्मक रूप से गलत हो और लोगों को भड़काने वाली हो, गैरकानूनी है।” शाही जामा मस्जिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जफर अली के बयान को उन्होंने पूरी तरह से तथ्यों के खिलाफ बताया। सिंह ने कहा कि जफर अली और उनके सहयोगियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक सात प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और 15 लोगों को नामजद किया गया है।

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मंडलायुक्त ने कहा कि सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ सबूत हैं कि उन्होंने उकसाने वाली हरकतें की हैं। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई है।'' संभल की विवादित जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने रविवार को मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा के लिये स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए सोमवार को कहा कि मस्जिद की खोदाई की अफवाह फैलने से भीड़ उग्र हुई। जफर अली ने यहां पत्रकार वार्ता में हिंसा के मामले में स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये। अली ने आरोप लगाया कि, ‘‘मस्जिद का जो दोबारा सर्वेक्षणक्षण हुआ वह अदालत के आदेश से नहीं बल्कि सिर्फ जिलाधिकारी के आदेश पर हुआ था। यह सर्वेक्षणक्षण गैर-कानूनी तरीके से हुआ था।'' जिलाधिकारी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया। 

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