Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 Jul, 2022 03:32 PM

यूपी विधान परिषद में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। विधान परिषद में सपा की नेता प्रतिपक्ष की मान्यता खत्म हो गई है। ऐसे में सपा से उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी छीन गई है। अब लाल बिहा...
लखनऊ: यूपी विधान परिषद में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। विधान परिषद में सपा की नेता प्रतिपक्ष की मान्यता खत्म हो गई है। ऐसे में सपा से उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी छीन गई है। अब लाल बिहारी केवल सपा दल के नेता के तौर पर सदन में रहेंगे।
बता दें कि 100 सदस्यों वाली विधान परिषद में 10 फीसदी से अधिक सदस्य रहने पर नेता प्रतिपक्ष पद होता है, बुधवार को सदन में 10 लोगों का कार्यकाल समाप्त हो गया। कार्यकाल समाप्त होने और नए निर्वाचित सदस्यों के आने के बाद अब सदन में समाजवादी पार्टी के विधायकों की संख्या 9 रह गई है।
विपक्ष में किसी भी दल के सदस्य को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता के लिए उसके पास सदन की कुल संख्या का 10 प्रतिशत हिस्सा होना अनिवार्य है। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद पर सपा के लाल बिहारी यादव को सबसे कम समय मिला है। उन्हें केवल 41 दिन का कार्यकाल मिला। 27 मई को नेता प्रतिपक्ष बने लाल बिहारी यादव को गुरुवार को हटा दिया गया। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष रहे डॉ संजय लाठर को 60 दिन का कार्यकाल मिला था।