Edited By Ajay kumar,Updated: 22 Apr, 2024 11:22 PM
रामनवमी पर रामलला के जन्मोत्सव के बाद सोमवार को राम मंदिर और अन्य मठ मंदिरों में भगवान का छठ्योत्सव मनाया गया। जहां रामलला के समक्ष बधाई गायन और पंजीरी मेवे का विशेष भोग भी लगाया गया।
अयोध्या: रामनवमी पर रामलला के जन्मोत्सव के बाद सोमवार को राम मंदिर और अन्य मठ मंदिरों में भगवान का छठ्योत्सव मनाया गया। जहां रामलला के समक्ष बधाई गायन और पंजीरी मेवे का विशेष भोग भी लगाया गया। अयोध्या के मठ-मंदिरों में जन्मोत्सव के बाद से ही बधईया गूंज रही है। छठ्योत्सव के बाद सोमवार को रामनवमी उत्सव का समापन हो गया। अयोध्या श्रीराम जन्म के बाद पूरी अयोध्या नगरी राजा दशरथ और माता कौशल्या को बधाई देने में लीन है।
भगवान राम के अवतरित होने के बाद कनकभवन, श्रीरामरामबल्लभाकुंज, दशरथ महल, लक्ष्मण किला, हनुमत निवास, जानकी महल, रामलला सदनम, रंग महल, श्रीराम हर्षण कुंज, जानकी महल, हनुमत हरिराम सदन, सियाराम किला में आज रामलला का छठ्योत्सव धूमधाम से मनाया गया। इसके साथ ही अन्य मंदिरों में भी बधाई गान से उत्सव का उल्लास छलक रहा है। लक्ष्मण किला में शाम होते ही बधाई गान गूंजने लगता है। महंत मैथिलीरमण शरण की अध्यक्षता में प्रसिद्ध गायक एमबीदास, रामनंदन शरण, विनोद शरण आदि ने जन्म की बधईया गाई तो भक्त झूमने लगे। अधिकारी सूर्य प्रकाश शरण ने बताया कि मिथिला से आई सखियों के गायन और नृत्य से जन्मोत्सव का आकर्षण बढ़ गया है। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की मानें तो प्रत्येक वर्ष यह मनाया जाता है।
अयोध्या में 90 अनिवासी भारतीयों ने किये राम मंदिर में दर्शन
अयोध्या में 30 देशों के 90 अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली से आये लगभग 400 लोगों ने राम मंदिर में दर्शन किये और सरयू आरती में हिस्सा लिया। भूटान के राजदूत मेजर जनरल वेत्सोप नामग्याल और निर्वासित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की संसद के अध्यक्ष वेन खेनपो सोनम तेनफेल भी रविवार को यहां पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। उन्होंने बताया कि 30 देशों के 90 अनिवासी भारतीयों तथा अन्य लोगों ने राम जन्मभूमि मंदिर और हनुमानगढ़ी मंदिर का दौरा किया और सरयू आरती में भाग लिया। अयोध्या दौरे पर आए दल का नेतृत्व ‘दिल्ली स्टडी ग्रुप' के अध्यक्ष और दिल्ली के पूर्व विधायक विजय जॉली ने किया। राम मंदिर के पुजारियों ने रामनामी अंगवस्त्र धारण किये सभी आगंतुकों के माथे पर 'चंदन' का तिलक लगाया गया। जॉली ने बताया कि प्रतिनिधिमण्डल में ताइवान के काउंसलर डोरजिक किन्जांग, भारत में रोमानियाई ‘काउंसलर' विजय मेहता और ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, भूटान, कनाडा, कोलंबिया, कंबोडिया, जॉर्जिया, गुयाना, केन्या, कजाकिस्तान, मलेशिया, मोजाम्बिक, मकाऊ, नाइजीरिया, नेपाल, नॉर्वे, रोमानिया, रवांडा, स्पेन, सिंगापुर, सिंट मार्टेन, ताइवान, तजिकिस्तान, त्रिनिदाद और टोबैगो, तुवालु, तिब्बत, युगांडा, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान और अमेरिका के एनआरआई शामिल थे।