Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 15 May, 2024 04:21 PM
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उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे हैं। जिसकी ताजा बानगी कानपुर में देखने को मिली है। जहां फतेहपु...
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे हैं। जिसकी ताजा बानगी कानपुर में देखने को मिली है। जहां फतेहपुर से बीमार पिता को लेकर उनका बेटा एलएलआर अस्पताल की ओपीडी में दिखाने आया था। हाथ पैरों से लाचार मरीज को न तो वार्ड बॉय ने हाथ लगाना उचित समझा, न ही उसे स्ट्रेचर उपलब्ध कराया। इसके चलते एक बेटा अपने 70 साल के पिता को गोद में लेकर जांच के लिए इधर-उधर भागता रहा। पूरा मामला तब हुआ, जब स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा खुद मेडिकल कॉलेज में मौजूद थे।
शुक्लागंज निवासी श्याम सुंदर (70) घुटने में दर्द की वजह से चल पाने में असर्मथ थे। मंगलवार को श्याम सुंदर को दिखाने के लिए बेटा अरविंद लाला लाजपत राय अस्पताल लेकर आया था। अरविंद ने बताया कि घुटने के दर्द का इलाज एक डॉक्टर से चल रहा था, लेकिन धीरे-धीरे उनकी हालत खराब होती चली गई। पिछले 20 दिन से पिता ने खाना-पीना भी छोड़ दिया। उनके हाथ-पैर भी काम नहीं कर रहे थे। अरविंद ने बताया कि वह घंटों लाइन में लग रहा। ओपीडी में डॉक्टर हरेंद्र को दिखाया, जब उसने पिता को भर्ती करने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद उनकी एचआईवी जांच करने को कहा गया। वह पिता को गोद में लेकर जांच के लिए इधर-उधर पूछते-पूछते मेडिकल कॉलेज पहुंचा, जहां पर जांच लैब के पास ही प्रमुख सचिव और प्राचार्य निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान वहां पर मौजूद किसी शख्स ने यह वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया।
अधिकारियों को देख वह थोड़ा रूका। जब प्रमुख सचिव थोड़ा हटे तो वह लैब तक पिता को गोद में उठाकर ले गया। हैरत की बात यह रही कि प्रमुख सचिव मौके पर कोई एक्शन लेते नजर नहीं आए। प्रमुख सचिव बस उनको देखते रहे, जबकि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने मरीज को पास में रखी बैंच में लिटवाया और अपने कर्मचारियों से स्ट्रेचर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।