Edited By Ajay kumar,Updated: 23 Oct, 2019 12:01 PM
अपराध के मामले में भले ही उत्तर प्रदेश सबसे आगे हो लेकिन गरीब बच्चों को हक देने के मामले में सबसे पीछे है। जी हां, गरीब बच्चों को हक देने के मामले में यूपी के निजी स्कूल सबसे फिसड्डी साबित हुए हैं।
लखनऊ: अपराध के मामले में भले ही उत्तर प्रदेश सबसे आगे हो लेकिन गरीब बच्चों को हक देने के मामले में सबसे पीछे है। जी हां, गरीब बच्चों को हक देने के मामले में यूपी के निजी स्कूल सबसे फिसड्डी साबित हुए हैं। शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए 25 फीसदी कोटा होने के बाद भी राज्य के ज्यादातर स्कूल इस पर अमल नहीं कर रहे हैं। 20 करोड़ से अधिक आबादी वाले राज्य में मात्र 83099 बच्चों को ही आरटीआई कानून के तहत निजी स्कूलों में एडमिशन मिला है। वहीं यूपी की तुलना में एक तिहाई आबादी वाले मध्य प्रदेश में करीब 7 लाख गरीब बच्चे इस कानून के जरिए निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं।
गरीब बच्चों को लेकर गंभीर नहीं निजी स्कूल
मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मिले आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर राज्य शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12(1)(सी) के तहत निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित करने को लेकर गंभीर नहीं हैं। इसमें में भी उत्तर प्रदेश और झारखंड के निजी स्कूल विशेष रूप से इस कानून का मखौल बना रहे हैं। यूपी में मात्र 83099 बच्चों को और झारखंड में 14045 बच्चों को ही आरटीई अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश मिलेगा। वहीं यूपी से करीब 20 गुना कम आबादी वाले उत्तराखंड में 92556 गरीब बच्चों को आरटीई के तहत निजी स्कूलों में एडमिशन मिला है।
हिंदी भाषी राज्यों में मध्य प्रदेश-राजस्थान सबसे आगे
हिंदी भाषी अन्य राज्यों की बात करें तो मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 697740 बच्चों को आरटीई के तहत निजी स्कूलों में एडमिशन मिला है। वहीं राजस्थान के निजी स्कूलों में भी यूपी से 5 गुना अधिक 4,25,322 बच्चों को प्रवेश दिया है।
मोदी का गुजरात भी पीछे
प्रधानमंत्री मोदी का गृहराज्य गुजरात की हालत भी कुछ खास नहीं है। वह भी गरीब बच्चों को हक देने के मामले में पीछे है। यहां मात्र 141528 बच्चों को ही निजी स्कूलों में एडमिशन मिला है।
गरीब बच्चों को एडमिशन देना नहीं चाहते निजी स्कूल
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ज्यादातर निजी स्कूल गरीब बच्चों को एडमिशन देना नहीं चाहते हालांकि जहां की राज्य सरकारें इसे गंभीरता से लागू करवाती हैं वहां के आंकड़े बेहतर हैं।
बीजेपी से बेहतर हैं कांग्रेस प्रशासित राज्य
आंकड़ों पर ध्यान दें तो निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को एडमिशन देने के मामले में कांग्रेस प्रशासित राज्य बीजेपी प्रशासित राज्यों से कहीं बेहतर हैं। कांग्रेस प्रशासित राज्य मध्य प्रदेश और राजस्थान में सबसे ज्यादा गरीब बच्चों को एडमिशन मिला है।
RTE से निजी स्कूलों में प्रवेश-
राज्य |
छात्र-छात्राएं |
बीजेपी-कांग्रेस प्रशासित राज्य |
उत्तर प्रदेश |
83099 |
बीजेपी |
उत्तराखंड |
92556 |
बीजेपी |
मध्य प्रदेश |
697740 |
कांग्रेस |
राजस्थान |
425322 |
कांग्रेस |
महाराष्ट्र |
180978 |
बीजेपी |
गुजरात |
141528 |
बीजेपी |
झारखंड |
14045 |
बीजेपी |